World Hepatitis Day: लिवर के लिए घातक होता है हेपेटाइटिस बी व सी, देर से सामने आते हैं लक्षण
हेपेटाइटिस वायरस को वर्ष 2030 तक पूरी तरह नियंत्रित करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अभियान चलाया है। पीड़ित व्यक्ति को इसके संक्रमण का पता ही नहीं चल पाता है और देर से लक्षण सामने आने पर चिकित्सा संभव होती है।
कानपुर, जेएनएन। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़े बताते हैं कि हेपेटाइटिस बी और सी वायरस से संक्रमित 95 फीसद लोगों को इसका पता ही नहीं रहता है। लंबे समय तक शरीर में रहने की वजह से वायरस धीरे-धीरे लिवर को नुकसान पहुंचाता रहता है। ऐसे फैटी लिवर, लिवर सिरोसिस, लिवर फेल होना एवं कैंसर का खतरा भी हो सकता है। इस बीमारी से जागरुकता के लिए ही 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाया जाता है।
डब्ल्यूएचओ ने वर्ष 2030 तक वायरस हेपेटाइटिस को पूरी तरह नियंत्रित करने का अभियान चलाया है। हेपेटाइटिस बी और सी की जागरूकता के लिए कानपुर मेडिकल सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में गैस्ट्रोएंट्रोलाजिस्ट डा. गौरव चावला ने बताया कि हेपेटाइटिस बी व सी का संक्रमण सर्वाधिक घातक होता है। शहर में रोजाना 10-12 नए मरीज सामने आते हैं। इन दोनों बीमारियों के लक्षण विलंब से प्रकट होते हैं। देश में हेपेटाइटिस बी से संक्रमित 4 करोड़ लोग हैं, जबकि हेपेटाइटिस सी से 1.2 करोड़ हैं। इस दौरान डा. एचएस चावला मौजूद रहे।
हेपेटाइटिस सी का है इलाज
हेपेटाइटिस सी के संक्रमण का शुरूआत में पता चलने पर दवाओं से पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। इसकी दवाओं का तीन से छह माह का पूरा कोर्स है। हेपेटाइटिस बी वायरस का संक्रमण पूरी तरह से ठीक नहीं हो सकता है। शुरूआत में पता चलने पर दवाओं से नियंत्रित किया जा सकता है।
इस वजह से फैलता संक्रमण
- संक्रमित व्यक्ति का दूषित रक्त चढ़ाने से फैलता।
- नशे का इंजेक्शन एक-दूसरे द्वारा इस्तेमाल करने से।
- गोदना या कान छिदवाने से भी हो सकता।
- असुरक्षित यौन संबंध बनाने से।
- असुरक्षित तरीके से सेविंग या नाखून कटवाने से।
रोकथाम के उपाय
हेपेटाइटिस बी का टीका जरूर लगवाएं।
बच्चे व 18 वर्ष से कम उम्र के किशोर को टीके लगवाएं।