World Chess Day: कानपुर की दो बहनें बेमिसाल, छोटी सी उम्र में शय और मात के खेल में दिखा रहीं कमाल

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 14 वर्षीय तान्या और 16 वर्षीय साक्षी ख्याति अर्जित की और कोरोना काल में शीर्ष स्थान हासिल कर लिया है। तान्या बिट्स में 2003 व रैपिड 2136 तथा साक्षी बिट्स में 1806 व रैपिड में 1925 पर पहुंच गई हैं।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Tue, 20 Jul 2021 09:43 AM (IST) Updated:Tue, 20 Jul 2021 09:43 AM (IST)
World Chess Day: कानपुर की दो बहनें बेमिसाल, छोटी सी उम्र में शय और मात के खेल में दिखा रहीं कमाल
कानपुर की तान्या और साक्षी ने मनवाया लोहा।

कानपुर, [अंकुश शुक्ल]। शह और मात के खेल शतरंज में शहर की बेटियों की धमक देश ही नहीं विदेश तक है। कोरोना संक्रमण काल में दर्जनों राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में शीर्ष स्थान हासिल कर चुकीं 14 वर्षीय तान्या और 16 वर्षीय साक्षी अंतरराष्ट्रीय बिट्स (एक से 10 मिनट की निश्चित समयावधि) और रैपिड (10 मिनट से एक घंटे की निश्चित समयावधि) रैंकिंग में भी शामिल हैं। छोटी सी उम्र में इस मुकाम तक पहुंच चुकी बहनों की तारीफ करने वाले भी बहुत हो गए हैं। दोनों बहनों ने अपने हुनर की दम पर विदेशी खिलाड़ियों को भी लोहा मनवा दिया है और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं ने 31 से भी ज्यादा बार खिताबी जीत अपने नाम कर चुकी हैं।

छोटी बहन से प्रेरित हुई बड़ी

कहते हैं बड़े को देखकर छोटा वैसा ही करता है लेकिन यहां बिल्कुल उलट है। छोटी बहन से प्रेरित होकर बड़ी ने भी आगे कदम बढ़ाए हैं। जूही निवासी रेलवे के कालपी स्टेशन पर स्टेशन मास्टर नरेंद्र वर्मा ने बेटियों के हुनर को छोटी उम्र में पहचान कर उन्हेंं मंच दिलाने की ठानी। महज आठ वर्ष की उम्र में तीसरी कक्षा की छात्रा तान्या को स्कूल में हुए इनडोर शतरंज में खेलते देख प्रोत्साहित किया। नतीजा, तान्या को देख बड़ी बहन साक्षी ने भी शतरंज खेलना शुरू कर दिया।

पाया राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मंच

साक्षी ने 10 वर्ष और तान्या ने आठ वर्ष की उम्र में कोच हरीश रस्तोगी के मार्गदर्शन खेलना शुरू किया। स्कूल स्तर पर होने वाली शतरंज प्रतियोगिता से सफर की शुरुआत करने वाली इन खिलाडिय़ों ने कड़े अभ्यास और खेल के प्रति जुझारूपन के चलते तान्या और साक्षी का सफर देखते-देखते राष्ट्रीय फलक तक पहुंच गया। कोरोना संक्रमण काल में जब सभी खेलों में ग्रहण मंडरा रहा था। तब तकनीक का सहारा लेकर तान्या और साक्षी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुई कई ओपेन शतरंज प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान हासिल किया।

दर्जनों खिताब और अंतरराष्ट्रीय रेटिंग में शुमार

लगभग 63 अंतरराष्ट्रीय आनलाइन प्रतियोगिताएं खेल चुकीं तान्या और साक्षी के नाम जिंबाब्वे, आस्ट्रेलिया, इंग्लैैंड, श्रीलंका और आनलाइन इंटरनेशनल शतरंज ओशो की अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में करीब 31 बार खिताबी जीत दर्ज है। तान्या अंडर-14 और साक्षी अंडर-16 की शीर्ष खिलाडिय़ों में पहचानी जाती हैं। तान्या की बिट्स में रेटिंग 2003 और रैपिड में 2136 तथा साक्षी बिट्स में 1806 और रैपिड में 1925 रैकिंग में है।

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