नौकरी करते सुपर स्पेशियलिटी की पढ़ाई में नहीं जुड़ेगा अनुभव
एनएमसी ने मेडिकल कालेजों व चिकित्सकीय संस्थानों के लिए जारी किया फरमान
जागरण संवाददाता, कानपुर : देश के सरकारी व निजी मेडिकल कालेजों और चिकित्सकीय संस्थानों में नौकरी के दौरान अनुमति लेकर सुपर स्पेशियलिटी कोर्स की पढ़ाई के लिए जाने वाले चिकित्सा शिक्षकों को अनुभव का लाभ नहीं मिलेगा। कोर्स पूरा करने के बाद विभाग में वापसी करने पर पढ़ाई की अवधि उनके शिक्षण कार्य व प्रमोशन के दावे का आधार नहीं बनेगी। इसके लिए नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने गाइडलाइन जारी कर दी है। कहा है कि यदि कोई चिकित्सा शिक्षक सुपर स्पेशियलिटी में जाना चाहता है तो उसे आवदेन की नई प्रकिया अपनानी होगी।
राजकीय मेडिकल कालेजों, चिकित्सकीय संस्थानों और चिकित्सा विश्वविद्यालयों में तैनात चिकित्सा शिक्षक नौकरी करते हुए सुपर स्पेशियलिटी की पढ़ाई करने के लिए उच्च संस्थान चले जाते हैं। पढ़ाई से लौटने के बाद वरिष्ठता को लेकर उनमें आपस में खींचतान और विवाद भी होता है। वह अपने को सुपर स्पेशलिस्ट बताते हुए नए विभाग में तैनाती का दावा करते हैं। ऐसी शिकायतें देशभर के मेडिकल कालेजों और चिकित्सकीय संस्थानों से एनएमसी तक पहुंच रही थीं।
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एनएमसी ने पत्र में किया स्पष्ट
एनएमसी ने पत्र जारी कर स्पष्ट किया है कि ऐसे चिकित्सा शिक्षकों की पढ़ाई की अवधि को उनके शिक्षण कार्य के अनुभव में नहीं जोड़ा जाएगा। प्रमोशन में भी उन्हें इस अवधि का फायदा नहीं दिया जाएगा। ऐसे शिक्षक अगर सुपर स्पेशियलिटी विधा में जाना चाहते हैं तो उन्हें फिर से नए सिरे से आवेदन की प्रक्रिया अपनानी होगी।
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जनरल सर्जरी और जनरल मेडिसिन विभाग के चिकित्सा शिक्षक नौकरी के दौरान ही उच्चशिक्षा की पढ़ाई की अनुमति लेकर चले जाते थे। सुपर स्पेशियलिटी कोर्स करने के बाद अपनी विधा के सुपर स्पेशियलिटी विभाग में वरिष्ठता का दावा करने लगते थे। एनएमसी ने पत्र जारी कर स्पष्ट किया है कि ऐसे शिक्षक मूल तैनाती के विभाग में ही रहेंगे। सुपर स्पेशियलिटी के लिए उन्हें फिर से आवेदन करना होगा।
डा. मनीष सिंह, एनएमसी विशेषज्ञ, जीएसवीएम