कानपुर में दफ्तरों के कर्मचारी अपने शिविर में वैक्सीन लगवाने की कर रहे मांग, पढ़िए पूरा मामला
शिक्षक वकील रेलवे कर्मचारी सरकारी विभागों में कार्यरत श्रमिक नेता सभी मांग करने लगे हैं कि उनके क्षेत्राधिकार में आने वाले कार्यालयों पर वैक्सीन शिविर लगाया जाए ताकि विभागीय लोग और उनका परिवार आसानी से वैक्सीन लगवा सके।
कानपुर, जेएनएन। भारत ऐसे लोगों का देश है जहां प्रभाव दिखे बिना आदमी की पहचान ही साबित नहीं होती है। फिर अवसर चाहे महामारी का ही क्यों न हो। सरकार ने कोविड से बचाव के लिए रक्षाकवच के तौर पर वैक्सीन लगाने की शुरूआत की। इसके लिए सबसे पहले कोरोना फाइटर्स को वैक्सीन की डोज दी गई उसके बाद दूसरे नंबर पर बुजुर्गों को वैक्सीन लगाने की शुरूआत हुई। अब सभी आयु वर्ग के लोगों को वैक्सीन लगाने की शुरूआत हो चुकी है और इसके लिए शहर के चिकित्सालयों को नामित भी कर दिया गया है। ऐसे में कुछ वर्ग हैं जो वैक्सीन लगवाने के लिए वैक्सीन शिविर की बजाय अपने शिविर में वैक्सीन लगवाने की बात करने लगे हैं।
शिक्षक, वकील, रेलवे कर्मचारी, सरकारी विभागों में कार्यरत श्रमिक नेता सभी मांग करने लगे हैं कि उनके क्षेत्राधिकार में आने वाले कार्यालयों पर वैक्सीन शिविर लगाया जाए ताकि विभागीय लोग और उनका परिवार आसानी से वैक्सीन लगवा सके। ऐसी मांग करने वाले अक्सर यह भूल जाते हैं कि भारत में चिकित्सीय व्यवस्था के हालात क्या हैं। वैक्सीन लगना शुरू जरूर हो गई लेकिन अभी तक प्रत्येक भारतवासी के लिए वैक्सीन नहीं खरीदी जा सकी है। वैक्सीन प्रत्येक भारतीय के लिए जरूरी है तो फिर शिक्षक, वकील, पत्रकार, सरकारी विभागाें में कार्यरत कर्मचारियों के लिए अलग से व्यवस्था क्यों। यदि चिकित्सा विभाग सभी के लिए अलग से वैक्सीन शिविर सजाने लगा तो सरकारी अस्पतालों में बिना प्रभाव के आने वाली गरीब जनता वैक्सीन कहां लगवाएगी।