Women's Day Special: लक्ष्य को भेद रहा शूटर मां-बेटी का निशाना, आसमान पर चमक रही इनकी सफलता
झांसी में तैनात इंस्पेक्टर रंजना और सब इंस्पेक्टर अमृता शूटिंग में आयाम गढ़ रहीं हैं। रंजना रानी लक्ष्मी बाई पुरस्कार के साथ वर्ल्ड शूटिंग व नेशनल में पदक जीत चुकीं हैं। मां-बेटी की ये सफलता निश्चित ही महिलाओं के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है।
कानपुर, [अंकुश शुक्ल]। उम्र को मात देकर अचूक निशाना साधने वालीं बागपत की शूटर दादी (प्रकाशी तोमर व चंदो तोमर) का जज्बा दूसरी महिलाओं के लिए भी संबल का काम कर रहा है। पुलिस विभाग में कार्यरत शहर की रंजना गुप्ता और अमृता भी शूटिंग के जरिए कामयाबी की इबारत लिख रही हैं। इन मां-बेटी की कहानी के शब्द जरूर बदले होंगे, परंतु इनका संघर्ष ही इनको आयाम तक पहुंचा रहा है। मां ने पहले खुद और फिर गोद ली बेटी को राष्ट्रीय फलक पर पहचान दिलाई। आज शूटर मां-बेटी की जोड़ी सफलता के आसमान पर चमक रही है।
गुजैनी निवासी झांसी में इंस्पेक्टर रंजना गुप्ता और पनकी निवासी सब इंस्पेक्टर अमृता पांडेय के नाम शूटिंग में दर्जनों राष्ट्रीय पदक और अवार्ड हैं। नेशनल शूटिंग के साथ रानी लक्ष्मीबाई खेल पुरस्कार व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में जलवा दिखाने वाली मां-बेटी हर बार अपने प्रदर्शन से उप्र पुलिस व शहर का नाम गौरवान्वित कर रही हैं। हाल में ही रंजना के रिकार्ड को देखते हुए उन्हें उप्र पुलिस का चीफ शूटिंग कोच नियुक्त किया गया है।
रूम पार्टनर को गोद लेकर बनाया बेटी
रंजना ने बताया कि झांसी में तैनाती के दौरान रूम पार्टनर अमृता के प्रति लगाव बढ़ा। वर्ष 2017 में अभ्यास के दौरान जब रायफल अमृता को थमाई तो उसने टारगेट में सटीक निशाना लगाया। तब लगा उसे शूटिंग में लाकर भविष्य की बेहतर शूटर बना सकती हूं। रंजना बताती हैं कि उन्होंने शूटिंग के लिए गोद ली अमृता को अपनी बेटी जैसा प्यार देनी की ठानी और उसकी हर जिम्मेदारी को बखूबी निभाने का प्रयास करती हूं। अमृता भी मुझे बेटी जैसा प्यार देकर मेरे फैसले को सही साबित कर रही है। संघर्षों के बीच मुकाम हासिल करने वाली रंजना ने अपने कॅरियर की शुरुआत अखबार बेचकर की।
पहले प्रयास में अमृता ने छोड़ी स्वर्णिम छाप
अमृता बताती हैं कि शुरुआती दो महीने तक मां रंजना ने रायफल की होल्डिंग पर अभ्यास कराया। इसके बाद 2017 में कादरपुर में हुई नेशनल शूटिंग में अमृता ने स्वर्ण पदक जीतकर पहचान हासिल की।
पिता की मृत्यु के बाद भी नहीं टूटने दिया मां का सपना
62वीं नेशनल शूटिंग प्रतियोगिता के दौरान पिता के देहांत की सूचना आने के बाद भी अमृता ने हौसला नहीं हारा। भावुक होकर मां रंजना के सपने को पूरा करते हुए दो कांस्य पदक हासिल कर सब इंस्पेक्टर पद पर प्रमोशन पाया।
रंजना की उपलब्धियां वर्ष 2013 में उप्र पुलिस सर्वश्रेष्ठ व ऑल इंडिया बेस्ट शूटर अवार्ड। वर्ष 2014 में उप्र पुलिस बेस्ट शूटर ऑफ द ईयर। वर्ष 2015 में रानी लक्ष्मी बाई पुरस्कार, अचीवर अवार्ड मिला। वर्ष 2016-17 में बुंदेलखंड अवार्ड, यंग रोल मॉडल अवार्ड। वर्ष 2018 में ऑल इंडिया बेस्ट शूटर अवार्ड मिला। वर्ष 2019 में फिक्की अवार्ड और मनु द पावर अवार्ड।