कानपुर में परिवार नियोजन की पुरुषों से ज्यादा महिलाओं को फिक्र, अपना रहीं अंतरा
शादी के बाद नवदंपती अपने पहले बच्चे की प्लानिंग कर लेते हैं लेकिन परिवार नियोजन के प्रति महिलाएं अधिक फक्रमंद रहती हैं जागरूकता कार्यक्रमों का नतीजा है कि इसमें उनकी भागीदारी अब तेजी से बढ़ती जा रही है।
कानपुर, जेएनएन। युवा दंपती को किस समय अपने पहले बच्चे की तैयारी करनी है, परिवार नियोजन के कौन-कौन से तरीके अपनाने हैं। इसको लेकर पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं अधिक जागरूक हुई हैं। इसकी बानगी है कि पिछले साल 5331 महिलाओं और महज 381 पुरुषों ने नसबंदी कराई। कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए विश्व गर्भ निरोधक दिवस (26 सितंबर) पर जिला पुरुष व महिला अस्पताल समेत सभी स्वास्थ्य केंद्रों में स्टॉल लगाकर गर्भ निरोधक संसाधनों के बारे में बताया जाएगा।
परिवार नियोजन के लिए चलाए जा रहे जागरूकता कार्यक्रमों का नतीजा है कि महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है। पिछले साल महिलाओं ने 5331 नसबंदी, 25799 आईयूसीडी, 4100 पीपीआईसीडी, व 4,794 महिलाओं ने अंतरा इंजेक्शन के जरिए परिवार नियोजन अपनाया है।
परिवार नियोजन का महत्व
परिवार नियोजन का मतलब आपके कितने बच्चे हों और कब-कब हों। सीमित बच्चे व अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाने के लिए साधनों में से कोई एक तरीका चुन सकते हैं, जिससे माताएं व बच्चे ज्यादा स्वस्थ रहेंगे।
गर्भ निरोधक अपनाएं, प्रोत्साहन राशि पाएं
गर्भ निरोधक साधन अपनाने पर प्रोत्साहन राशि भी मिलती है। नसबंदी में पुरुषों को बतौर प्रोत्साहन दो हजार और महिलाओं को 1400 रुपये मिलते हैं। प्रसव के तुरंत बाद नसबंदी कराने पर महिलाओं को 2200 रुपये मिलते हैं। सभी चिकित्सा अधीक्षकों और सीएचसी प्रभारी को पत्र लिखकर दिशा-निर्देश दिए गए हैं। इस अवधि में सीएचसी, पीएचसी, एएनएम सब सेंटर और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर परिवार नियोजन से जुड़ी सामग्री की उपलब्ध रहेगी। जहां काउंसलर मौजूद रहेंगे और लाभार्थियों को उचित साधन का चुनाव करने के लिए सलाह देंगे। -डॉ. अनिल मिश्रा, सीएमओ