कानपुर: अब महिला प्रशिक्षुओं की हाेगी 400 घंटे की ट्रेनिंग, सफल होने पर डिपो में मिलेगी तैनाती
सरकार ने महिला सशक्तिकरण के तहत देश में पहली बार महिलाओं को बस चालक बनाने का प्रशिक्षण शुरु किया है। कौशल विकास मिशन विकास नगर स्थित रोडवेज के माडल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर में प्रशिक्षण दिला रहा है। प्रशिक्षण के लिए 27 महिलाओं का चयन किया गया।
कानपुर, जेएनएन। कौशल विकास मिशन के तहत बस चालक के लिए प्रशिक्षित हो रही महिलाएं का 200 घंटों का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है। विकास नगर स्थित रोडवेज के माडल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर में प्रशिक्षण ले रहीं 25 महिलाओं को अब परीक्षा देनी होगी। पास होने के बाद 400 घंटों का हैवी मोटर व्हीकल (एचएमवी) चलाने का प्रशिक्षण शुरू किया जाएगा, इसके बाद महिला चालकों को डिपो में तैनात किया जाएगा।
सरकार ने महिला सशक्तिकरण के तहत देश में पहली बार महिलाओं को बस चालक बनाने का प्रशिक्षण शुरु किया है। कौशल विकास मिशन, विकास नगर स्थित रोडवेज के माडल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर में प्रशिक्षण दिला रहा है। प्रशिक्षण के लिए 27 महिलाओं का चयन किया गया। इनमें से दो ने बीच में प्रशिक्षण छोड़ दिया। मार्च से शुरु हुआ लाइट मोटर व्हीकल (एलएमवी) का 200 घंटे का प्रशिक्षण पूरा हो गया है। जिन महिलाओं ने प्रशिक्षण पूरा कर लिया है, उनकी परीक्षा होगी। परीक्षा में सफल होने पर हैवी मोटर व्हीकल (एचएमवी) का प्रशिक्षण शुरू किया जाएगा।
इनका ये है कहना:
कौशल विकास मिशन व यूपीएसआरटीसी के संयुक्त प्रयास से देश में पहली बार महिलाओं को हल्के और भारी वाहन चलाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। हल्के वाहनों का 200 घंटों का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है। परीक्षा में सफल होने वाली महिलाओं को भारी वाहन चलाने का 400 घंटों का प्रशिक्षण शुरू किया जाएगा। इसमें सफल होने पर उनकी डिपो में तैनाती की जाएगी। - एसपी सिंह, प्रधानाचार्य, माडल ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट