Wildfire In Chitrakoot: धधकते पाठा के जंगल छोड़ कामदगिरि पहुंचे वन्यजीव, पर्वत पर देखा गया तेंदुआ
Wildfire In Chitrakoot जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ गोपाल मिश्र ने बताया कि हनुमान मंदिर के ठीक पीछे पर्वत में तेंदुआ बैठा दिखा। वह काफी ऊंचाई में था। वहां पर मौजूद लोगों ने भी बताया कि कई दिन से एक तेंदुआ पर्वत में दिख रहा है।
चित्रकूट, जेएनएन। Wildfire In Chitrakoot उप्र और मप्र क्षेत्र में एक माह से आग से धधक रहे पाठा के जंगलों को छोड़कर वन्यजीवों ने कामदगिरि की शरण में पहुंच गए हैं। शुक्रवार को एक तेंदुआ कामदगिरि में घूमता दिखा। जंगली जीवों के कामदगिरि में आने से परिक्रमा पथ में रहने वाले लोग डरे हुए हैं।
शुक्रवार शाम को कुछ लोग कामदगिरि की परिक्रमा कर रहे थे। सीतापुर पुलिस चौकी क्षेत्र के बरहा हनुमान जी के पास पहुंचने पर वह ठिठक गए। तमाम लोग पर्वत की ओर टकटकी लगाए थे। उन श्रद्धालुओं में शामिल जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ गोपाल मिश्र ने बताया कि हनुमान मंदिर के ठीक पीछे पर्वत में तेंदुआ बैठा दिखा। वह काफी ऊंचाई में था। वहां पर मौजूद लोगों ने भी बताया कि कई दिन से एक तेंदुआ पर्वत में दिख रहा है। रात में वह परिक्रमा पथ के पास तलहटी तक आ जाता है। इससे कोई घर के बाहर नहीं सो रहा है। माना जा रहा है कि रानीपुर वन्यजीव विहार समेत पाठा के दूसरे जंगलों में आग के कारण वन्यजीव यहां आ गए हैं।
प्रभागीय वनाधिकारी कैलाश प्रकाश ने भी माना कि कामदगिरि में जंगली जीव हैं। उसमें तेंदुए भी शामिल हैं। सभी जंगल मिले हुए हैं। वह कहीं से भी कहीं पहुंच सकते हैं। जंगल में जीव इधर-उधर घूम रहे हैं, ये उनका स्वभाव भी है।