फतेहपुर: साले-बहनोई की ट्रेन से कटकर हुई मौत, बाइक से रेलवे ट्रैक कर रहे थे पार

35 वर्षीय रामचंद्र अपने रिश्ते के 19 वर्षीय साले संदीप कुमार निवासी महमदपुर थाना गाजीपुर के साथ बाइक से कानपुर गए थे। वहां से देर शाम वापस आए तो रामचंद्र अपनी ससुराल भरसवां मलवां में रुक गए। यहां रुककर देर रात बाइक से दोनो घर आने के लिए निकले।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Thu, 18 Nov 2021 12:36 PM (IST) Updated:Thu, 18 Nov 2021 12:36 PM (IST)
फतेहपुर: साले-बहनोई की ट्रेन से कटकर हुई मौत, बाइक से रेलवे ट्रैक कर रहे थे पार
ट्रेन से कटकर दोनों की दर्दनाक मौत हो गई। प्रतीकात्मक फोटो।

फतेहपुर, जागरण संवाददाता। मलवां स्टेशन के निर्माणाधीन अंडर ओवरब्रिज पुल के समीप बुधवार को देर रात रेलवे ट्रैक पार करते समय बाइक सवार रिश्ते के साले-बहनोई अप पुरुषोत्तम एक्सप्रेस की चपेट में आ गए जिससे दोनो की मौके पर ही कटकर मौत हो गई। हादसा इतना भयावह था कि बाइक के परखच्चे उड़ गए। 

गाजीपुर थाने के छविनाथपुर गांव निवासी 35 वर्षीय रामचंद्र पुत्र रामसनेही पासवान रिश्ते के 18 वर्षीय साले संदीप पुत्र शम्भू पासवान निवासी महमदपुर थाना गाजीपुर के साथ बुधवार सुबह अपने सगे साले राजेंद्र पासवान निवासी भरसवां थाना मलवां के यहां गया था। सगे साले के यहां से उसकी बाइक लेकर वह दोनो पासपोर्ट कार्यालय, कानपुर निकल गए। देर रात कानपुर से वापसी में साले के यहां भरसवां जा रहे थे कि मलवां रेलवे स्टेशन के समीप रेलवे ट्रैक पार करते समय अप लाइन में आ रही पुरुषोत्तम एक्सप्रेस से कट गए जिससे संदीप व उसके रिश्ते के बहनोई रामचंद्र पासवान की मौके पर ही मौत हो गए और बाइक के परखच्चे उड़ गए। 

धुंध में नहीं देख सके होंगे ट्रेन : एसओजीआरपी एसओ अनिल यादव ने बताया कि देर रात साढ़े 11 बजे के

करीब की घटना है। अनुमान है कि बाइक सवार ठंड में छाई हल्की धुंध की वजह से अप लाइन पर आ रही पुरुषोत्तम एक्सप्रेस को नहीं देख सके और हादसे का शिकार हो गए। ओवरब्रिज के पास खुला रेलवे ट्रैक है जहां अंडर ब्रिज का निर्माण हो रहा है। 

आधार कार्ड से हुई दिवंगतों की शिनाख्त: ग्रामीणों से खबर मिलते ही जीआरपी उपनिरीक्षक अंकुर कैथवास मौके पर पहुंचे और दिवंगत के कपड़ों की तलाशी कराई तो दोनो मोबाइल फोन चकनाचूर हो गए थे। जेब से मिले आधार कार्डों  से पुलिस ने स्वजन से संपर्क किया जिससे दिवंगतों की शिनाख्त हो सकी। सूचना मिलने पर मध्यरात्रि बाद दिवंगत के स्वजन व रिश्तेदार जीआरपी थाने पहुंचे।

दुबई जाने को फिंगर प्रिंट लगाने गए थे: दिवंगत रामचंद्र पासवान का बड़ा भाई दुबई में मजदूरी करता है। रामचंद्र में भाई के साथ काम करता था। एक वर्ष पूर्व रामचंद्र घर चला आया था और अब 28 नवंबर 2021 को फिर जाने की तैयारी कर रहा था। साथ में रिश्ते के साले संदीप को भी ले जाना चाहता था इसलिए पासपोर्ट बनवाने के लिए उसके ङ्क्षफगर ङ्क्षप्रट लगवाने के लिए उसे कानपुर लेकर गया था। सगे साले राजेंद्र ने बताया कि उसकी बाइक लेकर कानपुर गए थे और वापस आते समय हादसा हो गया। 

दो बहनों के बीच अकेला भाई था संदीप: दिवंगत संदीप पासवान घर का इकलौता बेटा था। हादसे से उसकी मां श्यामकली, पिता शम्भू, बहनें नेहा देवी, ननकी देवी रो-रोकर बेहाल रहीं। उधर रामचंद्र की मौत से उसकी पत्नी सविता देवी, बच्चे सत्येंद्र, बीनू व मां रमदेइया बेहाल रहीं। पत्नी सविता ने बताया कि उसके पति जेठ के पास दुबई जाने की तैयारी कर रहे थे कि बुधवार का दिन उसके लिए काल बनकर आया। 

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