Kanpur Bus Accident: हादसे में मारे गए लोग ईएसआइ और ईपीएफ के दायरे में थे या नहीं इसकी भी होगी जांच

शासन ने मिनिमम वेजेज एक्ट लागू कर रखा है। इस एक्ट के तहत जो मजदूरी निर्धारित है उससे कम पर किसी को भी नौकरी पर नहीं रखा जा सकता है। कंपनी से ठेकेदार प्रति कर्मचारी या मजदूर पैसे तो ज्यादा लेते हैं लेकिन उन्हेंं कम देते हैं।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Fri, 11 Jun 2021 09:15 AM (IST) Updated:Fri, 11 Jun 2021 09:15 AM (IST)
Kanpur Bus Accident: हादसे में मारे गए लोग ईएसआइ और ईपीएफ के दायरे में थे या नहीं इसकी भी होगी जांच
विभिन्न बिंदुओं पर जांच के लिए एसडीएम सदर दीपक पाल को आदेशित किया

कानपुर, जेएनएन। सचेंडी हादसे में अब ठेकेदार की भूमिका भी जांची जाएगी। यह देखा जाएगा कि कहीं मिनिमम वेतन देने का कानून है उसका उल्लंघन तो नहीं हो रहा था। हादसे में बिस्किट फैक्ट्री के जिन कर्मचारियों की मौत हुई है उनमें कुछ नाबालिग भी बताए जा रहे हैं। उनकी उम्र कितनी थी और कहीं उनसे काम लेकर श्रम विभाग के नियमों का उल्लंघन तो नहीं किया गया। इसकी भी जांच होगी। गुरुवार रात एडीजी भानू भाष्कर के कहने पर डीएम आलोक तिवारी ने विभिन्न बिंदुओं पर जांच के लिए एसडीएम सदर दीपक पाल को आदेशित किया।

शासन ने मिनिमम वेजेज एक्ट लागू कर रखा है। इस एक्ट के तहत जो मजदूरी निर्धारित है उससे कम पर किसी को भी नौकरी पर नहीं रखा जा सकता है। कई बार ऐसा होता है कि कंपनी से ठेकेदार प्रति कर्मचारी या मजदूर पैसे तो ज्यादा लेते हैं, लेकिन उन्हेंं कम देते हैं। इस मामले में भी कहीं ऐसा तो नहीं हुआ है। जो भी कर्मचारी काम करते हैं या जिनकी मृत्यु हुई है उनका ईपीएफ जमा हो रहा था या नहीं। वे ईएसआइ के दायरे में थे या नहीं थे। अगर ईएसआइ और ईपीएफ का लाभ उन्हेंं नहीं मिल रहा था तो क्यों नहीं मिल रहा था। इनमें से कितने कम उम्र के लोग हैं जो वहां काम करने के योग्य नहीं थे। यह भी एसडीएम द्वारा जांच की जाएगी। डीएम आलोक तिवारी ने बताया कि विभिन्न बिंदुओं पर जांच होगी अगर नियमों का उल्लंघन मिलेगा तो ठेकेदार पर भी कार्रवाई होगी।  

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