पुराने गंगापुल को शुरू किया जाएगा या नहीं... इस पर आने वाले सात दिनों में होगा फैसला

पीडब्ल्यूडी अभियंता द्वारा समय पर देख रेख नहीं होने से पिलर में लगीं बेल्टों तक उखड़ गई हैं। जबकि पुल से बड़ी संख्या में उन्नाव से कानपुर आने व जाने के लिए लोग इस्तेमाल करते हैंसात दिन में रिपोर्ट मिलेगी।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 04:35 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 04:35 PM (IST)
पुराने गंगापुल को शुरू किया जाएगा या नहीं... इस पर आने वाले सात दिनों में होगा फैसला
अब सीआरआरआइ ने जांच कर ली है तो आइआइटी की जांच की विशेष जरूरत नहीं

कानपुर, जेएनएन। ब्रिटिश सरकार में बने पुराने गंगापुल को चालू किया सकता है या नहीं, इस पर सात दिन फैसला होगा। पुल के लिए पहले आईआईटी की जांच करनी थी, कोविड की वजह से आइआइटी की टीम जांच नहीं कर सकी, लेकिन सीआरआरआई की जांच कर चली गई है। इन्हीं की रिपोर्ट पुल का भविष्य तय करेगी। गंगानदी के ऊपर पांच मीटर चौड़ा पुल बनाया गया था। इसमें डेढ़ माह पहले पुल के पांच पिलरों में दरारें पड़ गई थी। पीडब्ल्यूडी अभियंता द्वारा समय पर देख रेख नहीं होने से पिलर में लगीं बेल्टों तक उखड़ गई हैं। जबकि पुल से बड़ी संख्या में उन्नाव से कानपुर आने व जाने के लिए लोग इस्तेमाल करते हैं, लेकिन पुल बंद होने से लोग नए गंगापुल से होकर कानपुर आ रहे हैं। पीडब्ल्यूडी अधिशाषी अभियंता मुकेश चंद्र शर्मा ने बताया कि सीआरआरआइ के वैज्ञानिक की टीम ने वीडियो, फोटोग्राफी, नक्शा लेकर चली गई है। इसमें डेढ़ माह पहले पुल के पांच पिलरों में दरारें पड़ गई थी। पीडब्ल्यूडी अभियंता द्वारा समय पर देख रेख नहीं होने से पिलर में लगीं बेल्टों तक उखड़ गई हैं। जबकि पुल से बड़ी संख्या में उन्नाव से कानपुर आने व जाने के लिए लोग इस्तेमाल करते हैंसात दिन में रिपोर्ट मिलेगी। उन्होंने बताया कि सीआरआरआइ और आइआइटी दोनों को ही वैज्ञानिक अच्छे हैं। अब सीआरआरआइ ने जांच कर ली है तो आइआइटी की जांच की विशेष जरूरत नहीं है।

पैदल यात्रियों के लिए पुल खोलने की मांग : उन्नाव की संस्था ने सेतु निगम के अधिकारियों को पत्र भेजकर पुल से पैदल आवागमन करने वाले लोगों के लिए खोले जाने की मांग की है। इससे बड़ी संख्या में लोगों को लाभ मिलेगा। 

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