कोरोना में घूम रहा उद्योग का पहिया, हस्तशिल्प की धूम
कोरोना के संक्रमण के बीच उद्योगों की चाल भले ही धीमी पड़ गई होलेकिन अच्छे माल की मांग कम नहीं हुई है।
जागरण संवाददाता, कानपुर : कोरोना के संक्रमण के बीच उद्योगों की चाल भले ही धीमी पड़ गई हो, लेकिन जरूरत व अच्छे उत्पादों की मांग कम नहीं हुई है। इसके बीच हस्तशिल्प कला का आकर्षण पहले की तरह बना हुआ है। मोतीझील में अनुसूचित जाति-जनजाति हब योजना के तहत लगा ट्रेड फेयर इसका संकेत है। कोविड-19 गाइडलाइन का पालन करते हुए दो दिन के अंदर यहां करीब 40 हजार रुपये का व्यापार हुआ है।
इस ट्रेड फेयर में आदिवासियों के हाथों के बने मिट्टी के जेवर व बर्तन को लोग खूब पसंद कर रहे हैं। यह उत्पाद दिव्यांशु देहात संस्था बहराइच ने लगाए हैं। संस्था के संचालक दिव्यांशु ने बताया कि कोरोना संक्रमण के बीच यह उन्हें सुनहरा अवसर मिला है। आदिवासी लोग उनकी संस्था में मिट्टी की सुंदर चीजें बनाते हैं। उन चीजों के लिए यहां खरीदार मिल रहे हैं जो उन कलाकारों के लिए बड़ी बात है जिनके लिए रोजी रोटी का यही एक जरिया है। देवरिया से आईं अंजली, गुड्डी व पूजा ने भी यहां अपने हाथों से बने टीवी कवर, बंदनवार व सजावट की अन्य चीजों के स्टॉल लगाए। इसके अलावा चित्रकूट के लकड़ी के खिलौने, इटावा के हैंडलूम के उत्पाद, मथुरा से आई ठाकुरजी की पोशाक भी ग्राहकों को भा रही है।
50 तरह के उत्पादों से सजा ट्रेड फेयर : उप्र व्यापार प्रोत्साहन प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के मनीष चौधरी ने बताया कि यहां 50 तरह से 90 स्टॉल लगाए गए हैं। इसमें उन हुनरमंदों को मौका मिला है जो अपने हाथों से चीजें बनकर बेचा करते हैं।