प्रदेश के कृषि विज्ञान केंद्रों में तकनीकी क्षेत्र में क्या चला है... इसकी परखी जाएगी हकीकत
कृषि विज्ञान केंद्रों की रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। जिसके लिए कानपुर में तेजी से तैयारियां शुरू हो गई हैं। हर कॉलेज इस दौरान खुद को दूसरे से बेहतर दिखाने की होड़ में लग गया है। रिपोर्ट के आधार पर इन विज्ञान केंद्रों का पूरा आकलन किया जाएगा।
कानपुर, जेएनएन। प्रदेश के कृषि विज्ञान केंद्रों पर क्या चल रहा है, कितना विकास हुआ है। तकनीक का किसानों को कितना फायदा मिल रहा है, इसकी जमीनी हकीकत मंगलवार से परखी जाएगी। इसके लिए रावतपुर स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर)-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी) के कार्यालय में तीन दिवसीय ऑनलाइन वाॢषक कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इसमें देश भर के कृषि विशेषज्ञ और वैज्ञानिक शामिल होंगे। कृषि विज्ञान केंद्रों की रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। जिसके लिए कानपुर में तेजी से तैयारियां शुरू हो गई हैं। हर कॉलेज इस दौरान खुद को दूसरे से बेहतर दिखाने की होड़ में लग गया है। रिपोर्ट के आधार पर इन विज्ञान केंद्रों का पूरा आकलन किया जाएगा। समस्त कृषि विज्ञान केंद्र 2020-21 की प्रगति रिपोर्ट और 2021-22 की कार्य योजना का प्रस्तुतीकरण करेंगे।
आइसीएआर-अटारी के निदेशक डॉ. अतर सिंह ने बताया कि प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालयों, संस्थानों, गैर सरकारी संस्थाओं, शिक्षण संस्थानों के साथ ही 88 कृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिक प्रतिभाग करेंगे। आइसीएआर के उपमहानिदेशक (कृषि प्रसार) डॉ. एके ङ्क्षसह बतौर मुख्य अतिथि जुड़ेंगे, विशिष्ट अतिथि के रूप में बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डा. यूएस गौतम शामिल होंगे। सीएसए, मेरठ, अयोध्या कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति भी आनलाइन सम्मिलित होंगे। समस्त कृषि विज्ञान केंद्र 2020-21 की प्रगति रिपोर्ट और 2021-22 की कार्य योजना का प्रस्तुतीकरण करेंगे। एक्सपर्ट पैनल केंद्रों की समीक्षा करेगा। भारत और राज्य सरकार के विभिन्न प्रोजेक्टों की प्रगति एवं बजट की स्थिति बताई जाएगी। पहले दिन 21, दूसरे दिन 30 और अंतिम दिन 27 केंद्रों की रिपोर्ट पेश की जाएगी।