कानपुर: बदनाम ट्रांसपोर्टरों पर अफसरों ने क्या कार्रवाई की, वाणिज्य कर विभाग ने मांगी जानकारी

सोमवार को वाणिज्य कर आयुक्त की अध्यक्षता में एडीशनल कमिश्नर ग्रेड-1 एडीशनल कमिश्नर ग्रेड-2 के साथ आनलाइन मीटिंग होनी है। इस आनलाइन समीक्षा बैठक में अधिकारियों को बताना होगा कि उनके जिले की जो ट्रांसपोर्ट कंपनियां कर अपवंचना के मामलों में चिह्नित हैं।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 03:57 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 05:43 PM (IST)
कानपुर: बदनाम ट्रांसपोर्टरों पर अफसरों ने क्या कार्रवाई की, वाणिज्य कर विभाग ने मांगी जानकारी
सोमवार को वाणिज्य कर आयुक्त की अध्यक्षता में होगी मीटिंग। प्रतीकात्मक फोटो।

कानपुर, जेएनएन। वाणिज्य कर विभाग की समीक्षा बैठक में सोमवार को अधिकारियों को बताना होगा कि उन्होंने कर अपवंचना करने के लिए बदनाम ट्रांसपोर्टरों के खिलाफ अब तक कितनी कार्यवाही की है। कर अपवंचना करने में कारोबारी के साथ ट्रांसपोर्टर भी पूरी तरह मिले होते हैं, इसलिए वाणिज्य कर विभाग ने ट्रांसपोर्टरों के संबंध में यह जानकारी भी मांगी है। इसके साथ अफसरों को ऑनलाइन मीटिंग के जरिए पांच दिन की ट्रेनिंग दी जाएगी। ताकि अफसर त्योहारों को लेकर तैयार हो सकें।

सोमवार को वाणिज्य कर आयुक्त की अध्यक्षता में एडीशनल कमिश्नर ग्रेड-1, एडीशनल कमिश्नर ग्रेड-2 के साथ आनलाइन मीटिंग होनी है। इस आनलाइन समीक्षा बैठक में अधिकारियों को बताना होगा कि उनके जिले की जो ट्रांसपोर्ट कंपनियां कर अपवंचना के मामलों में चिह्नित हैं। विभाग इन ट्रांसपोर्टरों के मामले पहले से ही उन पर नजर बनाए रखना चाहता है। अब अधिकारियों को बताना होगा कि उन्होंने राज्य स्तर पर चिह्नित ट्रकों को कितनी बार रोका। उसके कागजों को जांचा और गलती मिलने पर क्या कार्यवाही की गई। इसको लेकर शनिवार को अधिकारी दिनभर कार्यालय में उन आंकड़ों को जोड़ते रहे जिन्हें मीटिंग में उठाया जा सकता है।

इसके अलावा अब तक फाइल रिटर्न की स्क्रूटनी की क्या स्थिति रही और कितने मामले बचे हुए हैं। इसके साथ ही नान फाइल रिटर्न और नान फाइलर्स की स्क्रूटनी की डिटेल भी अधिकारियों को देनी होगी। इसके साथ कार्यवाही भी बतानी होगी। पिछले बकाया कि वसूली में जिला किस स्तर पर है। चालू वित्तीय वर्ष के संग्रह का क्या लक्ष्य है। विशेष अनुसंधान शाखा से यह भी कहा गया कि एक जुलाई 2017 से 31 मार्च 2020 तक की अवधि में विशेष अनुसंधान शाखा ने पांच सबसे बड़े कौन से मालों में कार्रवाई की। इसके साथ ही मानक के सापेक्ष वाहनों , संवेदनशील वाहनों की जांच कितनी हुई और कितना अधिग्रहण हुआ यह भी बताना पड़ेगा।

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