Weather Update Kanpur: तेज बारिश भी न दिला सकी गर्मी से निजात, आने वाले दिनों में पारा 40 पार होने की संभावना

मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि पश्चिमी हवा ने एक बार फिर से पूरे उत्तर भारत पर अपना प्रभाव जमाना शुरू कर दिया है और यह हवा दिल्ली राजस्थान पंजाब हरियाणा होते हुए पूरे उत्तर प्रदेश से बिहार तक अपना प्रभुत्व जमा रही हैं

By Akash DwivediEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 02:51 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 02:51 PM (IST)
Weather Update Kanpur: तेज बारिश भी न दिला सकी गर्मी से निजात, आने वाले दिनों में पारा 40 पार होने की संभावना
मानसून की गतिविधियां कानपुर सहित पूरे उत्तर प्रदेश मैं न के बराबर ही होगी

कानपुर, जेएनएन। अगले कुछ दिन में गर्मी, उमस बढऩे की संभावना है। तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। बारिश के आसार कम हैं। बडाली छाई रहेगी, जबकि बूंदाबांदी का अनुमान है। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि पश्चिमी हवा ने एक बार फिर से पूरे उत्तर भारत पर अपना प्रभाव जमाना शुरू कर दिया है और यह हवा दिल्ली, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा होते हुए पूरे उत्तर प्रदेश से बिहार तक अपना प्रभुत्व जमा रही हैं। इससे दक्षिण पश्चिम मानसून हवा आगे नहीं बढ़ पा रही हैं। जब तक यह हवा कमजोर नहीं पड़ेगी तब तक मानसून की गतिविधियां कानपुर सहित पूरे उत्तर प्रदेश मैं न के बराबर ही होगी।

कानपुर में तापमान में वृद्धि होगी। हवा में आद्रता के कारण उमस भी बनी रहेगी। तय समय से पहले तेज रफ्तार से आया मानसून अब कमजोर पड़ चुका है। मानसून को आगे बढ़ाने वाली पूर्वी हवा कमजोर पड़ गई हैं। अब अगले कुछ दिन फिलहाल कानपुर के आसपास मानसून के सक्रिय होने की संभावना नहीं है। इससे पूरे रीजन में गर्मी के साथ उमस बढ़ेगी, जो लोगों को परेशान कर सकती है। तापमान में एक दो डिग्री की बढ़ोतरी होगी, तापमान 40 के आसपास पहुंच सकता है। ज्यादा नमी बढऩे से स्थानीय बादल एक दो स्थानों पर बरस सकते हैं। इससे ज्यादा राहत नहीं मिलेगी। मौसमी सिस्टम कम दबाव का क्षेत्र अब बिहार से सटे दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश के ऊपर बना हुआ है। एक ट्रफ रेखा उत्तर पश्चिमी राजस्थान से लेकर उत्तर पूर्व बंगाल की खाड़ी तक दक्षिण हरियाणा, दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश, उत्तरी झारखंड और गंगीय पश्चिम बंगाल से होते हुए गुजर रही है। एक ट्रफ रेखा दक्षिण महाराष्ट्र तट से उत्तरी केरल तट तक बनी हुई है। हरियाणा और आसपास के इलाकों में चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र देखा जा सकता है। एक और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिणी गुजरात पर बना हुआ है। 

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