Weather Kanpur Update: आसमान में छाई बदली ने बढ़ाई उमस, 17 जून तक मानसूनी बारिश के आसार
मौसम विभाग के अनुसार पश्चिम बंगाल और उड़ीसा तट पर कम दबाव का क्षेत्र बन गया है 24 घंटों में और सशक्त हो सकता है। सीएसए के मौसम वैज्ञानिक के अनुसार 12 से 17 जून तक अच्छी बारिश की प्रबल संभावना बनी है।
कानपुर, जेएनएन। बारिश और बदली से मौसम कुछ देर के लिए सुहाना तो हो जाता है तो उसके बाद बढ़ी उमस बेहाल कर देती है। मौसम के इस उतार चढ़ाव से परेशान लोग बारिश के इंतजार में आसमान की ओर टकटकी लगाए हैं। आसमान में छाए बादल संकेत तो दे रहे हैं लेकिर बरस नहीं रहे हैं। गुरुवार और शुक्रवार की रात हल्की बारिश ने मौसम सुहाना किया लेकिन सुबह होने पर धूप निकलते ही फिर गर्मी ने बेहाल किया। तापमान में भी उतार-चढ़ाव बना हुआ है, फिलहाल मौसम विज्ञानियों ने समय से पहले मानसून के आने और 17 जून तक तेज बारिश के आसार जताए हैं।
सीएसए कृषि एवं प्रौद्योगिकी कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग के अनुसार देश भर में बने मौसमी सिस्टम बंगाल की उत्तरी खाड़ी और उससे सटे गंगीय पश्चिम बंगाल और उड़ीसा तट पर कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। अगले 24 घंटों के दौरान यह और सशक्त हो सकता है। उड़ीसा को पार करते हुए मध्य भारत की ओर आगे बढ़ सकता है। गुजरात, मध्य प्रदेश और पूरे छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड के कुछ और हिस्सों में मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल होती जा रही हैं। अगले 24 घंटों में बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ भागो में मानसूनी बारिश हो सकती है।
मौसम विभाग के अनुसार एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पंजाब के ऊपर है और दूसरा चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण पश्चिम उत्तर प्रदेश पर बना हुआ है। एक टर्फ रेखा पंजाब पर बने चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र से होते हुए उत्तर प्रदेश और झारखंड होते हुए बंगाल की उत्तरी खाड़ी तक फैली हुई है। दूसरी महाराष्ट्र तट से उत्तरी केरल तट तक फैली हुई है।
पूर्वी मध्य अरब सागर के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। सीएसए के मौसम वैज्ञानिक डा. एसएन सुनील पांडेय ने कहा कि 12 से 17 जून के बीच शहर व आसपास के क्षेत्रों में 50 से 100 मिमी. बारिश हो सकती है। मानसून के भी जल्द आने की उम्मीद है। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 36.4 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 26.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम आद्रता 86 फीसद व न्यूनतम 50 फीसद मापी गई। हवाओं की औसतन गति पांच किलोमीटर प्रतिघंटा रही।