#GoodNews:कानपुर में कैंट से शुक्लागंज तक आवागमन करने की राह होगी आसान, जानिए कैसे

झाड़ी बाबा पड़ाव पुल का निर्माण कार्य मार्च 2014 में शुरू हुआ था। इसे दिसंबर 2016 में पूरा किया जाना था कैंट बोर्ड के अधिकारियों से समन्वय स्थापित न होना कभी बजट खत्म होने की वजह से यह पुल तय समय के बाद भी पूरा नहीं हो पाया है।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Sun, 28 Feb 2021 08:54 PM (IST) Updated:Sun, 28 Feb 2021 08:54 PM (IST)
#GoodNews:कानपुर में कैंट से शुक्लागंज तक आवागमन करने की राह होगी आसान, जानिए कैसे
कानपुर में स्थित छावनी बोर्ड की सांकेतिक तस्वीर।

कानपुर, जेएनएन। शुक्लागंज नये पुल से शहर को जोड़ने के लिए वर्ष 2014 से तैयार हो रहे झाड़ी बाबा पड़ाव पुल को जोड़ने के लिए उत्तर प्रदेश सेतु निर्माण निगम ने कवायद तेज कर दी है। पुल की रिटेनिंग वाल बनने में 15 हरे पड़े बाधा बने हुए थे। इसको काटने की प्रकिया भी तेजी से शुरू हो गई है। इसके बनने से शुक्लागंज पुल की उपयोगिता बढ़ जाएगी।

झाड़ी बाबा पड़ाव पुल का निर्माण कार्य मार्च 2014 में शुरू हुआ था। इसके बाद से आसपास के रहने वाले लोग धूल का दंश झेल रहे हैं। कई बार लोगों ने सेतु निगम के अधिकारियों से कहा कि तिरपाल डालकर काम करें, लेकिन किसी अधिकारी ने नहीं सुनी। सात वर्ष से लोग धूल खाने को मजबूर हैं। इसके साथ ही सड़क भी पूरी तरह गढ्डों में तब्दील हो गई है। वाहन चालकों को निकलने में दिक्कत होती, हादसे होते हैं। सेतु निगम के परियोजना प्रबंधक केएन ओझा ने बताया कि ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के अंदर लगे पड़े को काटने के लिए लखनऊ से परमिशन लेनी थी। इस वजह से इसमें देरी हुई है। अब पेड़ों को काटा जा रहा है। इसके बाद रिटेनिंग वाल का काम शुरू होगा। इसे जून तक पूरा किये जाने का टारगेट रखा है।

पुल पर एक नजर

-34करोड़ रुपये से होना था आरओबी का निर्माण

-समय से काम खत्म ना होने पर 44 करोड़ हो गई लागत

-2014 मार्च में शुरू हुआ था पुल का काम

-2016 दिसंबर में पूरा हो जाना था निर्माण

लंबाई: 708 मीटर

चौड़ाई: 7.5 मीटर

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