जल की बर्बादी रुकी तो स्कूल में छा गई हरियाली, नौनिहालों व उनके अभिभावकों को समझ में आने लगी पानी की जरूरत

प्रतिमा शुक्ला प्राथमिक स्कूल धमना में 2018 में आई थीं। वो बताती हैं कि जब हम पहले दिन सूकूल आए थे तो यहां पर हरियाली के नाम पर एक भी पत्ती नहीं थी।गर्मी में उमस व तपिस के बीच बच्चों व अध्यापकों का बुरा हाल हो जाता था।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 09:13 AM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 01:26 PM (IST)
जल की बर्बादी रुकी तो स्कूल में छा गई हरियाली, नौनिहालों व उनके अभिभावकों को समझ में आने लगी पानी की जरूरत
भविष्य की पीढ़ी को संकट में न डालते हुए उनके जीवन से खिलवाड़ न करें।

कानपुर, जेएनएन। जल की बर्बादी को रोककर , एक - एक बूंद का सदुपयोग कर बंजर में भी हरियाली लाई जा सकती है।मन में कुछ करने का जज्बा हो तो सीमित संसाधनों में भी नई इबारत लिखी जा सकती है।सरसौल के प्राथमिक मॉडल स्कूल धमना की प्रधानाचार्या प्रतिमा शुक्ला ने जल की बर्बादी को रोककर अपने स्कूल परिसर को प्राकृतिक छटा से महका दिया है। जो भी स्कूल एक बार आता है वो यहां का आकर्षक नजारा देखकर मंत्रमुग्ध हो जाता है। प्रतिमा बच्चों व उनके अभिभावकों को जल संरक्षण के प्रति जागरुक करती हैं।स्कूल में पानी की एक भी बूंद बर्बाद नहीं होने दी जाती है।

सरसौल का प्राइमरी मॉडल स्कूल धमना जल संरक्षण की मुहिम को आगे बढ़ा रहा है। यहां पढऩे वाले छोटे - छोटे बच्चे भी जल के मोल को समझते हैं।क्या मजाल नौनिहालों से जल की एक बूंद भी बर्बाद हो जाए। स्कूल की प्रधानाचार्या प्रतिमा शुक्ला की एक सोच ने पूरे स्कूल की तश्वीर बदल कर रख दी। प्रतिमा शुक्ला प्राथमिक स्कूल धमना में 2018 में आई थीं। वो बताती हैं कि जब हम पहले दिन सूकूल आए थे तो यहां पर हरियाली के नाम पर एक भी पत्ती नहीं थी।गर्मी में उमस व तपिस के बीच बच्चों व अध्यापकों का बुरा हाल हो जाता था। हैंडपाइप का पानी बेकार में बहा करता था।प्रतिमा बताती हैं कि मैंने ठान लिया कि जल की बर्बादी को रोंककर स्कूल में हरियाली खिलानी है। सबसे पहले बच्चों को जागरुक किया।

जल संरक्षण के प्रति उनको प्रेरित किया। इसके बाद पौधे ला-लाकर लगाए गए। हैंडपाइप से निकले वाले बेकार पानी को छोटी-छोटी नालियां बनाकर पौधों तक पहुंचाया गया।बच्चों को बताया गया कि यदि हांथ धुलना है या बोतल का पानी बदलना है तो क्यारी में ही पानी डालिए। बच्चों की मेहनत रंग लाई और बिना अतिरिक्त मेहनत किए पूरा स्कूल परिसर हरियाली से जगमगा उठा। 2019 में सबमर्सिबल लग गया तो उसके पानी को भी पौधों तक पहुचाने की व्यवस्था की गई। प्रतिमा बच्चों व उनके अभिभावकों की मासिक बैठक के दौरान जल संरक्षण के प्रति जागरुक करती हैं। बीच - बीच में ग्रामीणों को भी समझाती हैं कि जल से ही हमारे बच्चों का जीवन है।भविष्य की पीढ़ी को संकट में न डालते हुए उनके जीवन से खिलवाड़ न करें।  

chat bot
आपका साथी