कानपुर सांसद को गुलाब का फूल देकर व्यापारियों ने किया कृषि कानूनों का समर्थन, रखी कुछ मांगें
उप्र खाद्य पदार्थ उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष ज्ञानेश मिश्र ने कहा कि उनका संगठन कृषि बिलों का पूर्ण समर्थन व स्वागत करता है। इन कृषि बिलों में एक संशोधन किया जाए। इसमें मंडी शुल्क समाप्त कर मेंटिनेंस चार्ज लागू हो या चौथाई फीसद मंडी शुल्क लागू हो।
कानपुर, जेएनएन। व्यापारियों और आढ़तियों ने रविवार को भाजपा सांसद सत्यदेव पचौरी को गुलाब का फूल देकर कृषि कानूनों का पूरी तरह समर्थन किया। इस मौके पर व्यापारियों ने मंडियो में भी मंडी शुल्क समाप्त कर मेंटीनेंस शुल्क की मांग की। गल्ला और सब्जी मंडी के व्यापारी और आढ़ती रविवार को सांसद सत्यदेव पचौरी के काकादेव स्थित आवास पर हाथों में गुलाब का फूल पहुंचे और सत्याग्रह प्रदर्शन किया। उन्होंने कृषि मंत्री को संबोधित ज्ञापन सांसद को सौंपे।
पदाधिकारियों ने रखी मांगें
उप्र खाद्य पदार्थ उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष ज्ञानेश मिश्र ने कहा कि उनका संगठन कृषि बिलों का पूर्ण समर्थन व स्वागत करता है। इन कृषि बिलों में एक संशोधन किया जाए। इसमें मंडियों के अंदर मंडी शुल्क समाप्त कर मेंटिनेंस चार्ज लागू हो या चौथाई फीसद मंडी शुल्क लागू हो। कृषि कानूनो के 5 जून को आने व 6 जून 2020 से उत्तर प्रदेश में लागू होने के उपरांत उत्तर प्रदेश में गल्ला मंडियों व सब्ज़ी मंडियों के बाहर कृषि उत्पाद की खरीद बिक्री होने पर मंडी शुल्क समाप्त हो गया।साथ मे मंडी समितियों के कई कागजातों की लंबी प्रक्रिया भी समाप्त हो गई। यहां तक कि मंडियों के बाहर कृषि उत्पादों की खरीद बिक्री के लिए किसी भी तरह के लाइसेंस की ज़रूरत भी समाप्त हो गई जिसका मंडी के बाहर व्यापार करने वाले गल्ला व्यापारियों सहित किसानों को भी लाभ मिल रहा है । उत्तर प्रदेश में मंडी शुल्क मंडियो में खरीददार व्यापारी से लिया जाता है लेकिन इसका पूरा बोझ हर हाल में किसानों पर अर्थात उनके कृषि उत्पाद की लागत पर पड़ता है। इसलिए प्रत्येक जिंस पर अलग अलग 5 से 10 रुपए प्रति कुंतल न्यूनतम मेंटिनेंस चार्ज लागू किया जाय।
ये लोग रहे मौजूद
प्रदर्शन में प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजय बाजपेई, अजय बाजपेई , पंकज कुशवाहा, दुर्गेश गुप्ता, अतिन गुप्ता, हरिकांत तिवारी , सत्यप्रकाश गुप्ता, गोपाल शुक्ला, सुनील मिश्र, कमल त्रिपाठी, अतुल त्रिपाठी, आनन्द शुक्ला, अजय गुप्ता, रजत गुप्ता, प्रखर श्रीवास्तव रहे।