कानपुर मंडलायुक्त का कोविड जांच बढ़ाने पर जोर और ग्रामीण दरवाजे से लौटा रहे मेडिकल टीम
कोरोना संक्रमण की तीसरी संभावित लहर को लेकर पहले से सतर्क और बचाव के लिए मंडलायुक्त ने संक्रमितों की पहचान के लिए जांच बढ़ाने पर जोर दिया है। वहीं दूसरी गांवों में जांच के लिए पहुंच रही मेडिकल टीमों को लौटाया जा रहा है।
कानपुर, जेएनएन। कोरोना की आगामी तीसरी संभावित लहर को देखते हुए अस्पतालों में बेड बढ़ाने के साथ ही बच्चों के बेहतर उपचार के लिए पीडियाट्रिक आइसीयू का भी प्रबंध किया जाएगा। इसके लिए अस्पतालों में बेड सुरक्षित किए जाएंगे। इसके साथ ही कोरोना संक्रमितों की पहचान के लिए बड़े पैमाने पर जांच की जाएगी और कोशिश होगी कि 24 से 26 घंटे के अंदर जांच रिपोर्ट आ जाए।
नगर निगम स्थित एकीकृत कंट्रोल रूम में आयोजित बैठक के दौरान मंडलायुक्त डॉ. राजशेखर ने कहा कि बेडों की क्षमता बढ़ाते हुए उसमें कितना आक्सीजन प्रयोग होगा उसका आंकलन कर लिया जाए। सभी निजी कोविड अस्पतालों में बेडों की क्षमता के अनुसार आक्सीजन प्लांट लगाने हेतु प्रक्रिया शुरू की जाए। मंडलायुक्त ने कांटेक्ट ट्रेसिंग को बढ़ावा देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आरआरटी टीम व निगरानी समिति सौ प्रतिशत लक्षण वाले लोगों को दवा किट का वितरण करें और उनकी सूची बनाएं।
ग्रामीण क्षेत्रों में पॉजीटिव आने वाले व उनके संपर्क में आने वाले सभी लोगों की टेस्टिंग कर लक्षण वालों को दवा किट का वितरण की जाए। बिल्हौर, घाटमपुर व सरसौल में बनाए जा रहे कोविड हॉस्पिटल के लिए तेजी से युद्ध स्तर पर कार्यवाही की जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में टीम लगाकर उन गांवों से शहर में प्रतिदिन कार्य के लिए आने वाले ग्रामीणों की सूची बनाई जाए। स्पेशल अभियान चलाकर ज्यादा से ज्यादा लोगों से संपर्क स्थापित करते हुए शत प्रतिशत उनका वैक्सीनेशन कराया जाए। बैठक में डीएम आलोक तिवारी, नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी, सीएमओ डॉ. नेपाल सिंह, एडीएम सिटी अतुल कुमार आदि उपस्थित रहे।
जांच टीमों को लौटा रहे ग्रामीण
कोरोना वायरस ने शहर में कहर बरपाने के बाद अब ग्रामीण क्षेत्र का रुख कर लिया है। हालांकि आंकड़ों में संक्रमण के हिसाब से संक्रमण की रफ्तार अभी नहीं बढ़ी है। डॉक्टरों एवं मेडिकल टीमों का कहना है कि जिस तरह ग्रामीण कोरोना को लेकर सजग नहीं हैं और न ही जांच कराने के लिए आगे आ रहे हैं। ऐसा ही हाल रहा तो तेजी से संक्रमण फैल सकता है।
इसलिए अभी से सतर्कता और सावधानी बरतने की जरूरत है। ऐसा नहीं करने पर गंभीर हालात पैदा हो सकते हैं। कोरोना महामारी का संक्रमण मार्च में सामान्य हो चला था। हालांकि अप्रैल की शुरूआत में महाराष्ट्र, केरल एवं गुजरात में वायरस की दूसरी लहर ने कहर बरपाना शुरू किया था। धीरे-धीरे कोरोना का संक्रमण जिले में फैलने लगा। वायरस ने जिले के शहरी क्षेत्र में जमकर कहर बरपाया, हालांकि ग्रामीण क्षेत्र में खासा असर नहीं दिखा। अब गांवों में मौतों का आंकड़ा बढ़ने लगा है।
ग्रामीण नहीं करा रहे जांच
स्वास्थ्य महकमे के अधिकारियों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्र से लगातार शिकायतें आ रही हैं। गांव वाले कोरोना की जांच नहीं कराना चाह रहे हैं। डॉक्टरों एवं मेडिकल टीम को बैरंग लौटना पड़ रहा है। अपर निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. जीके मिश्रा का कहना है कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर का संक्रमण अब घटने लगा है। अब तीसरे लहर का अंदेशा जताया जा रहा है। तीसरे लहर का असर ग्रामीण क्षेत्रों में पड़ सकता है। इसलिए अभी से सुविधाएं और संसाधन जुटाए जा रहे हैं।
दिनांक नए संंक्रमित शहरी ग्रामीण
15 मई : 311 : 283 : 028
15 अप्रैल : 1290 : 1163 : 127
15 मार्च : 06 : 06 : 00