विकास दुबे की पत्नी रिचा दुबे को करना होगा सरेंडर, नहीं खत्म होगा मुकदमा, सुप्रीम कोर्ट में याचिका खारिज

कानपुर के बिकरू कांड के कुख्यात अपराधी विकास दुबे की पत्नी पर दूसरे व्यक्ति के नाम से सिम का प्रयोग करने का मुकदमे रद्द करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। अदालत ने एक सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने को कहा है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Tue, 30 Nov 2021 07:55 AM (IST) Updated:Tue, 30 Nov 2021 07:55 AM (IST)
विकास दुबे की पत्नी रिचा दुबे को करना होगा सरेंडर, नहीं खत्म होगा मुकदमा, सुप्रीम कोर्ट में याचिका खारिज
मुकदमा खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई थी याचिका।

कानपुर, जागरण संवाददाता। बिकरू कांड के मुख्य आरोपित और पुलिस मुठभेड़ में मारे गए कुख्यात विकास दुबे की पत्नी रिचा दुबे की एक याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज करी दी है। रिचा दुबे दूसरे के नाम से जारी सिम का प्रयोग करने के आरोप में दर्ज मुकदमे को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट गई थीं। सर्वोच्च अदालत ने उन्हें हुक्म दिया है कि वह पहले आत्मसमर्पण करें और बाद में जमानत याचिका दाखिल करें।

दो जुलाई 20202 को तीन थानों की पुलिस फोर्स ने एक मुकदमे में आरोपित विकास दुबे के घर दबिश डालने के लिए उसके गांव बिकरू गई थी। पुलिस दबिश की पहले ही जानकारी मिलने की वजह से विकास दुबे व उसके गुर्गाें ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया था, जिसमें सीओ समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हुए थे। इस प्रकरण में गठित एसआइटी ने विकास दुबे से जुड़े कुछ ऐसे लोगों को चिन्हित किया था, जो कि बना अनुमति दूसरे के नाम से सिम का प्रयोग कर रहे थे। इस संबंध में विकास दुबे की पत्नी रिचा दुबे के खिलाफ भी दूसरे व्यक्ति के नाम पर सिम का प्रयोग करने पर धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था। एफआइआर खारिज कराने के लिए रिचा दुबे ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उच्च न्यायालय, इलाहाबाद ने रिचा दुबे की याचिका खारिज कर दी थी। इस फैसले के खिलाफ उनकी ओर से सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई थी।

सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने इस केस को सुना। रिचा दुबे की ओर से कांग्रेसी नेता सलमान खुर्शीद ने बहस की। दोनों पक्षों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने हैरानी जताई कि जब केस में चार्जशीट लग चुकी है तो इस स्थिति से एफआइआर खारिज करने की याचिका बेमानी है। उन्हें जो कुछ कहना हो अब वह केस की सुनवाई के दौरान कहें। सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें आदेश दिया कि वह सात दिनों के अंदर आत्मसमर्पण करें और नियमानुसार जमानत याचिका दाखिल करें। गौरतलब है कि रिचा दुबे अपने नौकर महेश के नाम का सिम प्रयोग करती थीं।

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