Vikas Dubey News : शहीद CO ने पूर्व SSP पर लगाये थे गंभीर आरोप, वायरल ऑडियो ने खोले कई और राज

Vikas Dubey News कानपुर के बिकरू गांव में दबिश से ठीक पहले शहीद सीओ देंवेंद्र मिश्रा और एसपी ग्रामीण बृजेंद्र श्रीवास्तव की मोबाइल पर हुई बातचीत वायरल हुई तो सनसनी फैल गई।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Thu, 06 Aug 2020 09:42 PM (IST) Updated:Fri, 07 Aug 2020 09:58 AM (IST)
Vikas Dubey News : शहीद CO ने पूर्व SSP पर लगाये थे गंभीर आरोप, वायरल ऑडियो ने खोले कई और राज
Vikas Dubey News : शहीद CO ने पूर्व SSP पर लगाये थे गंभीर आरोप, वायरल ऑडियो ने खोले कई और राज

कानपुर, जेएनएन। कानपुर के बिकरू कांड में दाे जुलाई की रात पुलिस टीम पर हमले को लेकर आए दिन कोई न कोई नया राज सामने आ रहा है। गुरुवार को दबिश से ठीक पहले शहीद सीओ देंवेंद्र मिश्रा और एसपी ग्रामीण बृजेंद्र श्रीवास्तव की मोबाइल पर हुई बातचीत वायरल हुई तो सनसनी फैल गई। बातचीत के दौरान सीओ ने जहां पूर्व एसएसपी अनंत देव पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए, वहीं यह भी आगाह किया था कि एसओ विनय तिवारी की विकास दुबे के साथ जुगलबंदी थाने में ही दो चार को मरवा देगी। शहीद सीओ की यह बात सही भी निकली और किसे पता था कि जिस बात का डर उन्हें था, उसके शिकार वह स्वयं हो जाएंंगे।

कानपुर के चौबेपुर के बिकरू गांव में दो जुलाई को दबिश से कुछ देर पहले सीओ देवेंद्र मिश्र और एसपी ग्रामीण बृजेश श्रीवास्तव के बीच हुई बातचीत के तीन सनसनीखेज ऑडियो सामने आए है। इसमें से एक में पांच मिनट छह सेकंड चली बातचीत में सीओ ने पूर्व एसएसपी अनंतदेव पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए तो आगाह भी किया था कि चौबेपुर एसओ विनय तिवारी गैंगस्टर विकास दुबे के पैर छूता है और इनकी यह जुगलबंदी थाने में ही दो-चार को मरवा देगी। शहीद सीओ की यह बात सही भी निकली। दो अन्य ऑडियो भी सामने आए हैं, जो कि सीओ और चौबेपुर के तत्कालीन थाना प्रभारी विनय तिवारी के बीच बातचीत के हैं।

गुरुवार को कानपुर मठभेड़ कांड से जुड़े तीन ऑडियो वायरल हुए। पहला ऑडियो एसपी ग्रामीण श्रीवास्तव व सीओ देवेंद्र मिश्रा के बीच बातचीत का है, जो कि पांच मिनट छह सेकेंड का है, जबकि अन्य दोनों ऑडियो सीओ और एसओ विनय तिवारी के बीच बातचीत के हैं। एसपी ग्रामीण श्रीवास्तव व सीओ देवेंद्र मिश्रा के बीच बातचीत दबिश डालने के ठीक पहले की है। सीओ कह रहे हैं कि वह थाने के बाहर ही पहुंचे हैं। बातचीत में सीओ एसओ विनय तिवारी की शिकायत कर रहे हैं। सीओ ने कहा कि एसओ विकास दुबे के पैर छूता है। मैने एक बार कहा था कि इससे संबंध करोगे तो मर्डर करा दोगे दो चार। यह भी कहते हैं-दबिश की सूचना थाना प्रभारी पहले ही फोन करके विकास दुबे तक पहुंचा चुका होगा। सीओ ने साफ-साफ कहा कि दबिश की सूचना एसओ पहले ही फोन करके विकास दुबे तक पहुंचा चुका होगा कि भाग जाओ। अब गुरुवार को तीन और ऑडियो सामने आए हैं। इनमें से एक सीओ देवेंद्र मिश्र और एसपी ग्रामीण बृजेश श्रीवास्तव के बीच बातचीत का है। इसमें सीओ कह रहे हैं कि वह थाने के बाहर ही पहुंचे हैं। कहते हैं कि थाना प्रभारी विनय तिवारी गैंगस्टर विकास दुबे के पैर छूता है। मैंने एक बार कहा था कि इससे संबंध करोगे तो मर्डर करा दोगे दो-चार। 

पूर्व एसएसपी ने थाना प्रभारी पर ज्यादा हाथ रख दिया था...

सीओ आगे कहते हैं कि थाना प्रभारी विनय तिवारी पर पूर्व एसएसपी अनंतदेव ज्यादा हाथ रख दिया था। एसओ डेढ़ लाख रुपये में जुआ कराता था। उन्होंने उसके क्षेत्र में जाकर जुआ पकड़ा और बिल्हौर में मुकदमा दर्ज कराया। एसएसपी अनंत देव ने थाना प्रभारी के खिलाफ रिपोर्ट मांगी और उसे तत्काल निलंबित करने को कहा। उन्होंने रिपोर्ट भी दी लेकिन, विनय तिवारी ने गैंगस्टर एक्ट लगाने की धमकी देकर आरोपितों से पांच लाख रुपये लेकर एसएसपी को दिए। इसका असर यह हुआ कि कार्रवाई के स्थान पर विनय तिवारी के खिलाफ चल रही जांच बंद हो गईं। यहां तक कि सीओ कल्याणपुर जो जांच कर रहे थे, वह भी बंद हो गई।

बातें मुझे ठीक से याद नहीं

एसपी ग्रामीण बृजेश श्रीवास्तव ने कहा कि उस रात कई बार सीओ से इस संबंध में बात हुई। मुझे ठीक से याद नहीं है कि सीओ ने कौन-कौन सी बातें कहीं थी।

लगातार छवि खराब करने का प्रयास 

पूर्व एसएसपी कानपुर तथा डीआईजी पीएसी मुरादाबाद, अनंतदेव तिवारी ने कहा कि मेरी छवि खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। जिस प्रकरण की बात वॉयरल आडियो में है, उसकी जांच इंस्पेक्टर बिल्हौर कर रहे थे। विनय तिवारी से उसका कोई लेनादेना नहीं था।

बिकरू गांव में दो जुलाई की रात दबिश के दौरान विकास दुबे और उसके गिरोह के हमले में बिल्हौर के सीओ देवेंद्र मिश्र समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। मामले में चौबेपुर के तत्कालीन एसओ विनय तिवारी पर मुखबिरी के आरोप लगे थे और इस समय वह जेल में है। सीओ द्वारा लिखे गए कुछ पत्रों और वायरल ऑडियो में विनय तिवारी की सत्य निष्ठा पर सवाल उठे थे। 
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