Vikas Dubey Kanpur News: कभी बेचता था दूध, विकास का साथ मिला तो जिला पंचायत सदस्य बन बैठा गुड्डन
गुड्डन त्रिवेदी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के साथ गनर बनकर चलता था बिकरूकांड के बाद से फरार हो गया था।
कानपुर देहात, जेएनएन। मुंबई में पकड़ा गया गुड्डन त्रिवेदी कभी दूध बेचने का काम करता था। विकास दुबे का साथ मिला तो वह जिला पंचायत सदस्य बन बैठा। दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला हत्याकांड में वह साजिश रचने का आरोपित था लेकिन गवाहों के पीछे हटने से विकास के साथ वह भी बरी हो गया था। विकास दुबे के साथ गनर बनकर चलने के दौरान गुड्डन ने क्षेत्र में अपना प्रभाव बनाया। अपनी पत्नी कंचन को शिवली के कोढ़वा गांव से प्रधान भी बनवाया। वह पार्टियां भी बदलता रहा। पहले वह बसपा में था जबकि बाद में वह सपा में आ गया और इस समय वह अपनी गाड़ी में पार्टी का झंडा लगाकर चलता था।
रूरा निवासी गुड्डन त्रिवेदी साल 1998 में विकास के संपर्क में आया था। इसके बाद उसने दूध बेचने का काम छोड़ दिया और गनर बनकर विकास के साथ रहने लगा। साल 2001 में शिवली थाने में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की हत्या में उसे भी साजिश रचने के तहत 120बी का आरोपित बनाया गया था। मामले में बरी होने के बाद उसने विकास के दम पर क्षेत्र में प्रभाव बनाना शुरू किया। साल 2015 में जगनपुर क्षेत्र से बसपा के समर्थन से वह जिला पंचायत सदस्य बना। साथ ही पत्नी कंचन को कोढ़वा गांव से प्रधान बनवाया। वह विकास को अपना गुरु मानता था।
विकास दुबे ने दुकान का किया था उद्घाटन
बीते 26 जून को विकास दुबे ने रूरा में गुड्डन की बिल्डिंग मैटेरियल की दुकान का उद्घाटन किया था। यहां वह करीब एक घंटे रुका था। क्षेत्र में होने वाले शादी समारोह में वह विकास दुबे के साथ जाता था।
बिकरू कांड के बाद दो बार एसटीएफ ने मारा था छापा
बिकरू कांड के बाद गुड्डन मकान में ताला डालकर परिवार समेत फरार हो गया था। एसटीएफ व पुलिस दो बार उसके मकान व दुकान पर आई। हालांकि बिकरू कांड में उसका नाम नहीं है। तब पड़ोस में रहने वाले उसके दो भाई छोटे और लाला ने पुलिस को बताया था कि वह गुड्डन से ज्यादा मतलब नहीं रखते हैं।
दबंगई इतनी, कोई भी नहीं लिखाता था मुकदमा
गुड्डन त्रिवेदी का शिवली, मैथा व रूरा में दबदबा इतना था कि कोई उसके खिलाफ जुबान नहीं खोलता था। यही वजह है कि उस पर कोई मुकदमा भी नहीं लिखाता था। गुड्डन ने तीन माह पहले रूरा बनीपारा रोड पर बंदूकधारियों की मदद से प्लाट पर कब्जा कर निर्माण करा लिया। दूसरे पक्ष की हिम्मत न पड़ी कि उसके खिलाफ पुलिस या अदालत चला जाए। क्षेत्रीय लोग बताते हैं कि सभी जानते थे कि गुड्डन दबंग है और विकास गिरोह का है। गुड्डन के खिलाफ बोलने का मतलब जान पर आफत मोल लेना था।
विकास के ही नक्शेकदम पर पार्टियां बदलता रहा गुड्डन
अरविंद उर्फ गुड्डन अपने आका विकास दुबे के ही नक्शेकदम पर राजनीतिक पार्टियों में आजा जाता रहा। उसने 2015 में बसपा के समर्थन से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा और जीता। बाद में वह सपा में शामिल हो गया, बकायदा सपा के कार्यक्रमों में वह शामिल होता था। गुड्डन की अखिलेश यादव तक के साथ फोटो है, इतना ही नहीं उसने घर पर सपा के झंडे के रंग की नेमप्लेट और अपनी स्कार्पियो कार पर भी सपा का झंडा व प्लेट लगाए रहता था। सपा जिलाध्यक्ष प्रमोद यादव ने बताया कि गुड्डन सपा का सदस्य नहीं है, कार्यक्रम में आने जाने की जानकारी मुझे नहीं है।