Bikru Case Update: ...तो दो जुलाई की सुबह से शुरू हो गई थी खूनी तैयारी, 107 बार फोन पर की थी बात
चौबेपुर थाने के एसओ विनय तिवारी से मारपीट के बाद से विकास दुबे सशंकित हो गया था। बिकरू कांड वाले दिन सुबह साढ़े सात बजे सबसे पहले खास गुर्गे जिलेदार सिंह को फोन करके बात की थी। उसकी कॉल डिटेल की जांच में तथ्य सामने आए हैं।
कानपुर, जेएनएन। माना जा रहा था कि पुलिसकर्मियों पर हमले की तैयारी विकास दुबे ने आनन-फानन में तब की थी, जब उसे पता चला कि पुलिस बिकरू दबिश के लिए आने वाली है। मगर, विकास और उसके साथियों की कॉल डिटेल रिपोर्ट (सीडीआर) बता रही है कि उसे आभास था कि पुलिस उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है, इसीलिए उसने खून बहाने की साजिश रच ली थी। यही वजह है कि दो जुलाई की सुबह से ही उसने अपने शागिर्दों से मोबाइल पर बातचीत शुरू कर दी थी और यह क्रम पुलिसकर्मियों पर हमले तक बदस्तूर चलता रहा।
चार्जशीट में पुलिस ने विकास दुबे की एक जून 2020 से 4 जुलाई 2020 तक मोबाइल सीडीआर लगाई है। सीडीआर से स्पष्ट है कि राहुल तिवारी से हो रहे विवाद और इसके चलते एक जुलाई को तत्कालीन एसओ चौबेपुर विनय तिवारी से अपने घर में मारपीट के बाद विकास सशंकित था। दो जुलाई की सुबह साढ़े छह बजे उसके पास किसी परिचित का फोन आया और इसके तीन मिनट बाद विकास ने अपने सबसे विश्वसनीय साथी जिलेदार ङ्क्षसह से बात की थी। विकास और जिलेदार के बीच 114 सेकेंड बातचीत हुई। इसके बाद सुबह 8:46 बजे उसने अपने दूसरे विश्वसनीय सहयोगी हीरू दुबे से 108 सेकेंड बात की। सुबह 11:56 बजे उसने अमर दुबे से 119 सेकेंड बात की।
एक जुलाई को जहां विकास दुबे के फोन से कुल 89 कॉल आई-गईं, वहीं दो जुलाई को यह संख्या बढ़कर 107 पहुंच गई। वह दिन भर फोन पर लगा रहा और अपने लोगों से बातचीत की। कुछ को छोड़कर अमूमन सभी कॉल डेढ़ मिनट के अंदर की थीं। सीडीआर के मुताबिक रात 12 बजे के बाद जब उसे पुलिस की दबिश की सूचना मिली तो उसने सबसे पहले सिपाही राजीव कुमार को फोन करके धमकाया। इसके बाद उसने अन्य 14 लोगों को फोन किया, जिसमें अमर दुबे, प्रभात मिश्रा, जिलेदार सिंह, प्रेम प्रकाश पांडेय आदि थे। इससे साफ है कि एसओ विनय तिवारी के साथ विवाद के बाद से ही विकास पुलिस से उलझने की तैयारी शुरू कर चुका था।