बिकरू कांड के गुनहगारों पर रासुका की कार्रवाई शुरू, पुलिस ने काटा केस डायरी का पहला पर्चा

आइजी मोहित अग्रवाल ने बिकरू कांड से जुड़े आरोपितों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई शुरू करने का आदेश दिया था। इसके पुलिस ने केस डायरी का पर्चा काटने के बाद अब जल्द ही मुकदमा दर्ज करने की तैयारी कर रही है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Mon, 18 Jan 2021 06:59 AM (IST) Updated:Mon, 18 Jan 2021 06:59 AM (IST)
बिकरू कांड के गुनहगारों पर रासुका की कार्रवाई शुरू, पुलिस ने काटा केस डायरी का पहला पर्चा
राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत मुकदमा दर्ज होगा।

कानपुर, जेएनएन। बिकरू कांड के आरोपितों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (रासुका) के तहत कार्रवाई शुरू हो गई है। पुलिस ने इस सबंध में केस डायरी का पहला पर्चा काट दिया है। वहीं जल्द ही पुलिस जेल में बंद आरोपितों पर मुकदमा दर्ज करने जा रही है।

दो जुलाई 2020 को बिकरू में विकास दुबे के घर दबिश डालने गई पुलिस टीम पर घात लगाकर हमला किया गया था। इसमें तत्कालीन बिल्हौर सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या की गई थी। मामले में छह अभियुक्तों को पुलिस मुठभेड़ में मार चुकी है, जबकि चार महिलाओं समेत 37 अभियुक्त इस समय जेल में हैं। आइजी मोहित अग्रवाल ने पिछले दिनों समीक्षा बैठक में बिकरू कांड से जुड़े आरोपितों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई शुरू करने का आदेश दिया था। डीआइजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि बिकरू कांड के आरोपितों के खिलाफ रासुका की कार्रवाई शुरू की जा चुकी है। विधिक कार्रवाई पूरी होने के बाद अलग से मुकदमा दर्ज कर जांच की जाएगी।

क्या है राष्ट्रीय सुरक्षा कानून

राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम-1980 कानून 23 सितंबर 1980 को देश की तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार ने लागू किया था। इसके तहत केंद्र और राज्य को किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को हिरासत में लेने की शक्ति मिलती है। अगर सरकार को लगता है कि कोई व्यक्ति देश की सुरक्षा को प्रभावित कर सकता है। कानूनों को लागू करने में बाधा बन रहा है तो डीएम, पुलिस आयुक्त या राज्य सरकारें इसका प्रयोग कर उस व्यक्ति को हिरासत में ले सकती हैं। रासुका के तहत निरुद्ध व्यक्ति को बिना किसी आरोप के 12 महीने जेल में रखा जा सकता है। ऐसे में रासुका लगने के बाद बिकरू कांड से जुड़े अभियुक्त कम से कम एक साल तक जेल में ही रहेंगे, चाहे उन्हें जमानत हासिल हो जाए।

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