Bikru Case में एसटीएफ को बड़ी सफलता, फरारी के समय मददगार सात सहयोगी गिरफ्तार, विकास का मोबाइल भी मिला

कानपुर के बिकरू गांव में दो जुलाई की रात सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद दुर्दांत गैंगस्टर विकास दुबे फरार हो गया था। इसके बाद वह अपने सहयोगियों के पास जाकर छिप गया था और यूपी पुलिस उसकी तलाश करती रही थी।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 12:47 PM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 03:00 PM (IST)
Bikru Case में एसटीएफ को बड़ी सफलता, फरारी के समय मददगार सात सहयोगी गिरफ्तार, विकास का मोबाइल भी मिला
पकड़े गये बिकरू कांड के आरोपित। (सभी हाथ उठाए हुए )

कानपुर, जेएनएन। बिकरू कांड के मुख्य आरोपित विकास दुबे के आश्रयदाताओं के खिलाफ पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने सोमवार को बड़ी कामयाबी हासिल की है। एसटीएफ ने फरारी के दौरान विकास दुबे को आश्रय देने वाले समेत सात सहयोगियों को गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही सेमी ऑटोमेटिक राइफल समेत कई हथियार बरामद किए हैं। पुलिस ने विकास दुबे और प्रभात मिश्रा का मोबाइल फोन भी बरामद किया, जिससे कई और रहस्य उजागर हो सकते हैं। अब पुलिस ने गिरफ्तार आरोपितों का हथियारों की तस्करी के सूत्र तलाश रही है। 

कानपुर में चौबेपुर के बिकरू गांव में दो जुलाई 2020 की रात दबिश देने गई पुलिस टीम पर गैंगस्टर विकास दुबे और उसके गुर्गों ने हमला कर दिया। विकास दुबे ने साथियों की मदद से सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। इसके बाद विकास दुबे रात में ही फरार हो गया था और अपने सहयोगियों के पास जाकर छिप गया था। पुलिस उसकी काफी दिनों तक तलाश करती रही थी और करीब सात दिन के बाद विकास दुबे को मध्य प्रदेश पुलिस ने महाकाल मंदिर से पकड़कर यूपी पुलिस के सुपुर्द किया था। मध्य प्रदेश से कानपुर लाते समय गाड़ी पलट जाने पर विकास ने भागने का प्रयास किया था, जिससे एनकाउंटर में वह मारा गया था।

पुलिस की जांच के दौरान सामने आया था कि हमलवारों ने पुलिस टीम पर सेमी ऑटोमेटिक राइफल से फायरिंग की थी। पुलिस ने मौके से अमेरिकन विंचेस्टर कारतूस बरामद किए थे। पुलिस अबतक मामले में आराेपित 36 लोगों को जेल भेज चुकी है। अभी तक पुलिस को न तो विकास की सेमी ऑटोमेटिक राइफल बरामद हुई थी और न ही फरारी के समय उसे आश्रय देने वालों का पता चला था। पुलिस को वारदात में दो सेमी ऑटोमेटिक राइफल के प्रयोग होने की जानकारी मिली थी, जिनका प्रयोग विकास दुबे करता था। उसका लाइसेंस भांजे और छोटे भाई के नाम पर था।

एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश ने सोमवार को प्रेस क्रांफ्रेंस में बिकरू कांड में विकास दुबे की फरारी के समय अाश्रय देने वालों समेत सात सहयोगियों की गिरफ्तारी की पुष्टि की। एसटीएफ ने उनकी निशानदेही पर एक सेमी ऑटोमेटिक राइफल, एक बार में 20 राउंड फायर करने वाली फुली ऑटोमेटिक कार्बाइन एक सिंगल बैरल बंदूक एक रिवाल्वर बरामद की है। बताया जा रहा है कि जिन लोगों को गिरफ्तार किया है, उसमें एक व्यक्ति कानपुर देहात का है। उसने वारदात के बाद विकास दुबे को अपने घर में दो दिनों तक पनाह दी थी।

इसके साथ ही पुलिस ने उस सहयोगी को भी गिरफ्तार किया है जिसकी गाड़ी से विकास दुबे को कानपुर से बाहर ले जाया गया था। गिरफ्तार लोगों में कुछ लोग मध्यप्रदेश से भी बताए जा रहे हैं। उसने ही फरारी के समय विकास दुबे को आश्रय दिया था। कहा जा रहा है कि विकास दुबे के पास हथियारों का जखीरा था, जिसे मध्यप्रदेश के तस्करों को बेचने की कोशिश की जा रही थी।

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ये हुए गिरफ्तार

1-विष्णु कश्यप पुत्र हरिशंकर कश्यप निवासी ग्राम शिवली कानपुर देहात।

2-अमन शुक्ला पुत्र राज नारायण शुक्ला निवासी ग्राम धनीरामपुर थाना रूरा कानपुर देहात।

3-राम जी उर्फ राधे पुत्र बाबूराम निवासी वार्ड नंबर 11 तुलसी नगर रसूलाबाद कानपुर देहात।

4-अभिनव तिवारी उर्फ चिंकू पुत्र अनिल कुमार निवासी धनीरामपुर थाना रूरा कानपुर देहात।

5-मनीष यादव उर्फ शेरू पुत्र अभिलाष सिंह निवासी डिंडी कला थाना देहात जनपद भिंड मध्यप्रदेश।

6-संजय परिहार उर्फ पिंकू पुत्र नरेश परिहार निवासी करिया झाला झींझक थाना मंगलपुर कानपुर देहात।

7-शुभम पाल पुत्र 10 रामपाल निवासी मंगलपुर कानपुर देहात।

ये हथियार हुए बरामद

एक सेमी ऑटोमेटिक राइफल मेड इन अमेरिका 30 स्प्रिंगफील्ड।

एक आटोमेटिक कार्बाइन।

एक रिवाल्वर।

एक एक नाली बंदूक।

दो तमंचे।

30.06 बोर के 49 कारतूस, .32 बोर के 40 कारतूस, एके-47 के दो कारतूस, 7.62 बोर के चार कारतूस, 12 बोर के 25 कारतूस, 3.8 बोर का एक कारतूस।

विकास दुबे अमर दुबे और प्रभात मिश्रा के मोबाइल फोन।

यूपी 78 यू 3461 मारुति ओमिनी कार, जिससे विकास और साथियों को औरैया बस स्टैंड तक ले गए।

अभियुक्तों के पास दो लाख पांच हजार रुपये भी मिले।

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