Vikas Dubey News: विकास दुबे का वीडियो और ऑडियो वायरल, दो भाजपा विधायकों के लिए नाम
Vikas Dubey News भाजपा नेताओं के नाम सामने आने पर सियासी हलचल तेज हो गई है और दोनों नेताओं ने विकास दुबे से संबंधों से इनकार किया है।
कानपुर, जेएनएन। चौबेपुर के बिकरू में सीओ समेत आठ पुलिस जवानों की हत्या में शामिल रहे मोस्टवांटेड विकास दुबे का वीडियो और ऑडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उसने दो विधायकों के नाम लिए हैं। हालांकि ये वीडियो काफी पुराना बताया जा रहा है लेकिन ऑडियो को लेकर संदेह बना है। टीवी चैनलों पर वीडियो और ऑडियो प्रसारित होने के बाद दोनों विधायकों ने भी अपना पक्ष रखा है। एक विधायक ने विकास से कभी कोई संबंध न होने और न कभी मिलने की बात कही है, वहीं दूसरे विधायक ने ऐसे वीडियो की जांच कराने और मामला ऊपर तक रखने का बयान दिया है।
एक लाख के इनामी मोस्टवांडेट विकास दुबे को यूपी पुलिस के अलावा मध्य प्रदेश और राजस्थान पुलिस भी तलाशने में जुटी है। इन सबके बीच सोमवार की सुबह विकास दुबे का एक वीडियो और ऑडियो वायरल हुआ तो सनसनी फैल गई। एक टीवी चैनल पर वीडियो का प्रसारण होने पर वीडियो वर्ष 2017 का बताया जा रहा है।वीडियो ऑर ऑडियो में विकास दुबे ने दो राजनेताओं के नाम कबूले हैं। वीडियो में विकास ने तत्कालीन कांग्रेस नेता और मौजूदा समय में भाजपा विधायक अभिजीत सिंह सांगा और बिल्हौर विधानसभा से भाजपा विधायक भगवती प्रसाद सागर का नाम लिया है। भाजपा नेताओं के नाम सामने आने पर सियासी हलचल भी तेज हो गई है, दोनों नेताओं ने संबंधित टीवी चैनल पर आकर अपना पक्ष रखते हुए विकास दुबे से संबंधों से इनकार किया है।
जानें-क्या बोले विधायक
- बिठूर से भाजपा विधायक अभिजीत सिंह सांगा का कहना है कि मेरा न तो कभी उससे संबंध रहा है और न ही मैं उससे कभी मिला हूं। ये अपराधी है और सत्ता का संरक्षण लेने के लिए इस तरह से नाम लेता रहा है, वह ऐसे ही झूठ बोलता है। हमारा कभी कोई संबंध नहीं रहा है।
-बिल्हौर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक भगवती प्रसाद सागर ने कहा है कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो वर्ष 2017 का है और उस वर्ष चुनाव में विकास दुबे ने खुलकर बसपा प्रत्याशी का साथ दिया था। बसपा प्रत्याशी के साथ विकास दुबे और एक फिल्मी हीरोइन ने मंधना से बिल्हौर तक रथ भी निकाला था। इसकी वीडियोग्राफी भी उस समय चुनाव आयोग के आदेश पर हुई थी, जो जिला प्रशासन के पास होगी अधिकारी उसे देख सकते हैं। इससे पहले 2012 में वह चुनाव लड़े ही नहीं थे। विकास इतना शातिर है कि वह कभी भी किसी का भी नाम लेकर उसे फंसाने का प्रयास कर सकता है। कोई अधिकारी यह कह दे कि मैंने कभी उसकी सिफारिश की है तो मुझे फांसी की सजा भी मंजूर है।