Bikru Kand Update: अमर दुबे की पत्नी अब बाराबंकी संप्रेक्षण गृह से माती जेल शिफ्ट, किशोर न्याय बोर्ड पर टिकी निगाह

कानपुर के बहुचर्चित बिकरू कांड में आरोपित अमर दुबे की पत्नी को बालिग होने पर राजकीय संप्रेक्षण गृह से माती जेल भेज दिया गया है। घटना के तीन दिन पहले शादी होकर आई नवविवाहिता पर साजिश में शामिल होने व फर्जी दस्तावेज से सिम लेने का मामला दर्ज है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 01:53 PM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 05:39 PM (IST)
Bikru Kand Update: अमर दुबे की पत्नी अब बाराबंकी संप्रेक्षण गृह से माती जेल शिफ्ट, किशोर न्याय बोर्ड पर टिकी निगाह
जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका विचाराधीन है।

कानपुर देहात, जेएनएन। बिकरू कांड में आरोपित अमर दुबे की पत्नी अब माती जेल में रहेगी। शनिवार देर शाम उसे बाराबंकी संप्रेक्षण गृह से माती जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। उसे बालिग होने के कारण माती जेल में रखने का फैसला किया गया है। चौबेपुर पुलिस ने बिकरू कांड के बाद उसे साजिश में शामिल होने और फर्जी दस्तावेज से सिम रखने के मामले में गिरफ्तार करके जेल भेजा था। हाईकोर्ट से उसकी जमानत याचिका खारिज होने के बाद राज्यसभा सदस्य एवं वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तंखा की ओर से दाखिल याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूर करते हुए यूपी सरकार को नोटिस भेजकर पक्ष रखने को कहा है।

क्या है पूरा मामला

कानपुर के चौबेपुर में दो जुलाई 2020 को बिकरू गांव में विकास दुबे और उसके गैंग के लोगों ने गिरफ्तारी के लिए दबिश देने आई पुलिस टीम पर हमला कर दिया था। फायरिंग में सीओ समेत आठ पुलिस कर्मी शहीद हो गए थे। वहीं पुलिस ने फरार अपराधियों की धरपकड़ करते हुए मुख्य अभियुक्त विकास दुबे और अमर दुबे समेत सात साथियों को एनकाउंटर में मार गिराया था। वहीं पुलिस ने पूरे घटनाक्रम में शामिल और मदद करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके 37 आरोपितों को गिरफ्तार करके जेल भेजा था। इस मामले में अमर दुबे की पत्नी को भी गिरफ्तार किया गया था। उसपर साजिश में शामिल होने और फर्जी दस्तावेज से सिम लेने का मामला दर्ज किया गया था। घटना के तीन दिन पहले उसकी शादी हुई थी और वह बिकरू गांव में आई थी।

किशोर न्याय बोर्ड में मामला हो गया था स्थानांतरित

चौबेपुर पुलिस ने अमर दुबे की पत्नी को माती जेल में रखा था लेकिन कोर्ट में उसके पिता और वकील की ओर से नाबालिग होने का तर्क दिया गया था। साक्ष्यों को देखने और सुनवाई के बाद उसे नाबालिग मानते हुए मामला किशोर न्याय बोर्ड स्थानांतरित कर दिया गया था। इसके बाद अारोपित अमर दुबे की पत्नी को भी माती जेल से बाराबंकी स्थित राजकीय संप्रेक्षण गृह भेज दिया गया था। राजकीय संप्रेक्षण गृह में उसकी तबियत भी बिगड़ गई थी। बीते दिनों हाईकोर्ट ने उसकी जमानत याचिका को अस्वीकार कर दिया था।

इसके बाद बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश मिश्रा ने मामला सुप्रीम कोर्ट तक ले जाने की बात कही थी। वहीं आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने भी सुप्रीम कोर्ट में केस की सुनवाई में सहयोग का बयान दिया था। हालांकि इस बीच कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तंखा द्वारा दाखिल की गई जमानत याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूर करते हुए यूपी सरकार से पक्ष रखने के लिए नोटिस किया है।

संप्रेक्षण गृह से माती जेल भेजा

अमर दुबे की पत्नी के मामले की सुनवाई किशोर न्याय बोर्ड में विचाराधीन है। अब वह बालिग हो चुकी है, हालांकि जब मुकदमा दर्ज हुआ तो वह नाबालिग थी। किशोर न्याय बोर्ड ही अंतिम फैसला करेगा कि वह नाबालिग है या नहीं क्योंकि इस पर कई परीक्षण और सुनवाई हो चुकी है। अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित ने बताया कि उसे यहां माती जेल में लाया गया है। यहां रहने से स्वजन से मुलाकात होने में आसानी रहेगी।

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