Vikas Dubey News: शिवली के पूर्व चेयरमैन बोले, दहशत में बिना सीढ़ी गुजारे थे सात साल
Vikas Dubey Kanpur News लल्लन के भाई राकेश पर विकास ने 1997 में शिवली बस अड्डे पर जानलेवा हमला कराया था।
कानपुर, जेएनएन। शिवली नगर पंचायत के पूर्व चेयरमैन लल्लन बाजपेई ने बताया कि उन्होंने विकास की दहशत में बिना सीढ़ी के सात साल गुजारे थे। उसकी दहशत इतनी ज्यादा थी कि एनकाउंटर से पहले तक कोई ग्रामीण मुंह खोलने को तैयार नहीं हुआ, अब उसके दबंगई के किस्से खुलकर सामने आ रहे हैं।
लल्लन बाजपेई ने बताया कि 1996 से उनकी विकास से अदावत थी। वर्ष दो हजार में उन्होंने उसके हमले से बचने के लिए मकान की पहली मंजिल पर आगे की ओर कमरा बनवाया था। कमरे में आने-जाने का कोई रास्ता नहीं था। बगल की खाली पड़ी जगह से सीढ़ी लगाकर चढ़ते थे। कमरे में पहुंचने के बाद सीढ़ी ऊपर खींच लेते थे। सात साल तक इसी तरह से बचते रहे। 2007 के बाद मकान में सीढिय़ां बनवाई थीं। बताया कि एक बार गांव के टेंपो चालक को पीटने के बाद विकास ने सवारियों से लूटपाट की थी। उलाहना देने पर वह मुकर गया था। बाद में चालक को दोबारा मारा पीटा था। शिकायत पर गोली मारने की धमकी दी थी। इसको लेकर तनातनी रही थी।
हरिकिशन के इशारे पर हत्या का लिया था ठेका
लल्लन बाजपेई ने बताया कि चेयरमैन पद का टिकट संतोष शुक्ल के सहयोग से मिला और वह जीते भी थे। इसे लेकर हरि किशन और विकास खुन्नस रखने लगे थे। बिकरू के ही विकास के खानदानी सज्जन ने उनकी हत्या का ठेका लेने की जानकारी दी थी।
बस अड्डे पर कराया था भाई पर हमला
लल्लन ने बताया कि रंजिश में विकास ने 1997 में शिवली बस अड्डे पर भाई राकेश के पर जानलेवा हमला कराया था। इसके बाद दोनों के बीच खुलकर विरोध की शुरुआत हुई थी। 2001 में शिवली थाने में उनके खिलाफ झूठा प्रार्थना पत्र दे थाने बुलवा कर हत्या कराना चाहता था। तत्कालीन दर्जा राज्यमंत्री संतोष शुक्ल के थाने पहुंचने पर उसके गुर्गों ने पथराव किया था, जबकि विकास ने मंत्री की गोली मारकर हत्या कर दी थी। कई माह फरारी काटने के बाद जेल गया था पर गवाह मुकरने से बच निकला था।
पहली बार टाकीज में हुई थी मुलाकात
लल्लन बताते हैं कि पहले वह मकान के अगले हिस्से में फट्टा टाकीज चलाते थे। कोई भी नई फिल्म आने पर विकास जरूर देखता था। बताया कि एक और दो रुपये का टिकट होता था। वह कभी एक रुपये तो कभी फ्री में फिल्म देखता था। पहली बार विकास से मुलाकात टाकीज में ही हुई थी।