Vikas Dubey Kanpur News: निलंबित एसओ व हलका प्रभारी गिरफ्तार, अभी 20 और पुलिसकर्मी रडार पर
Kanpur Encounter News चौबेपुर के बिकरू गांव मेें हुई घटना की जांच के दौरान बड़ी कार्रवाई की गई है दोनों पुलिस कर्मियों को जेल भेज दिया गया है।
कानपुर, जेएनएन। पांच लाख रुपये के इनामी बन चुके दहशतगर्द विकास दुबे से नजदीकियां चौबेपुर थाने के निलंबित थाना प्रभारी विनय तिवारी और हलका प्रभारी केके शर्मा को ले डूबीं। मुठभेड़ के समय पुलिस की जान जोखिम में डालने पर थाना प्रभारी व हिस्ट्रीशीटर के लिए मुखबिरी में हलका प्रभारी को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। अभी कई और पुलिसकर्मी रडार पर हैं। उन पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है। निलंबित एसओ और हलका प्रभारी को न्यायाधीश के आवास पर पेश किया गया, जहां से जेल भेज दिया गया।
सीओ के वायरल पत्र से सामने आई असलियत
बिकरू गांव में दो जुलाई को सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या मामले में लगातार दबिश से पहले सूचना पुलिस की ओर से ही लीक होने की चर्चा थी। दिवंगत सीओ देवेंद्र मिश्र के एसएसपी को लिखे वायरल पत्र में तत्कालीन चौबेपुर के निलंबित एसओ विनय तिवारी के अपराधी विकास दुबे की गोद में खेलने व प्रभावी कार्रवाई करने की बात थी। आरोप है कि तत्कालीन एसएसपी अनंत देव ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया था।
हलका प्रभारी से होती थी बातचीत
जांच के दौरान दबिश से पहले हलका प्रभारी केके शर्मा की विकास दुबे से 20 मिनट से भी ज्यादा देर चली बातचीत में गालियां व धमकी देने की बात सामने आई थी। दारोगा ने उच्चाधिकारियों को कुछ नहीं बताया था। इसीलिए अफसरों का मानना है कि विकास को दबिश की सूचना दारोगा शर्मा ने दी थी। इस मामले में चौबेपुर थाने के 68 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया जा चुका है। 20 रडार पर हैं और 200 पुलिसकर्मियों के मोबाइल नंबर सर्विलांस पर हैं।
विकास की कठपुतली बना था चौबेपुर थाना
दहशतगर्द विकास दुबे के आगे पूरा चौबेपुर थाना ही नतमस्तक हो गया था। थाने से ज्यादा विकास के दरबार में समय बिताने वाले पुलिस कर्मी हिस्ट्रीशीटर की कठपुतली बन गए थे। सबसे पहले बात करते हैं निलंबित और गिरफ्तार थाना प्रभारी विनय तिवारी की। वह किस तरह से विकास के जुर्मों में शामिल था, उसकी पोल सीओ का एसएसपी का लिखा पत्र खोल रहा है। यह अलग बात है कि राहुल तिवारी के मामले में एसओ की विकास से खटपट हुई और मामला यहां तक आ पहुंचा। कहा तो ये भी जा रहा है कि विनय की तैनाती ही विकास दुबे की सिफारिश पर हुई थी।
हलका प्रभारी केके शर्मा ने तो विकास के लिए विभागीय गोपनीयता को दांव पर रख दिया और दबिश की जानकारी विकास को दे डाली। इन्हीं आरोपों में दोनों गिरफ्तार भी हुए। वहीं दारोगा कुंवरपाल सिंह चार साल से थाने पर जमे थे। पहले पीआरवी, फिर हेड कांस्टेबल और फिर इसी थाने पर दारोगा बन गए। जिम्मेदारी से हटने के बाद भी वह आएदिन विकास के दरबार में जाते थे। उनसे लगातार संपर्क में भी थे। इसके अलावा थाने के 10 ऐसे सिपाही है जो दो साल से भी ज्यादा समय से थाने पर तैनात थे। आलम ये था कि 25 से ज्यादा सिपाही विकास के दरबार में मत्था टेकते थे।
जांच पूरी होने पर उठेंगे कई पर्दे
चौबेपुर थाने में तैनात दारोगा व सिपाहियों के मोबाइल अभी जांच में हैं। उनकी कॉल डिटेल खंगाली जा रही है। अभी तो कई राज और खुलेंगे। सूत्र बताते हैं कि कई पुलिस वालों को वह आर्थिक रूप से भी उपकृत करता था। इसीलिए थाने से हटाए जाने के बाद भी कई पुलिस वाले उसके संपर्क में थे और अपने क्षेत्रों में भी विकास को सुविधाएं उपलब्ध कराते थे।
दोनों के खिलाफ होगी विभागीय जांच
एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि जांच के बाद निलंबित थाना प्रभारी और हलका प्रभारी को मुठभेड़ के समय पुलिस की जान जोखिम में डालने, मौके से फरार होने, विकास दुबे से संबंध और दबिश की पूर्व सूचना देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है। दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर न्यायिक कार्रवाई शुरू की जाएगी। इनके खिलाफ विभागीय जांच भी होगी। एसएसपी ने कहा कि जांच में आगे भी जो पुलिसकर्मी दोषी मिलेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।