Bikru Case Update: शहीद सिपाही की पत्नी ने PM Modi को भेजा ईमेल, मांगी ओएसडी की नौकरी
कानपुर के चौबेपुर थाने के गांव बिकरू में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे गैंग से मुठभेड़ में सीओ समेत आठ पुलिस कर्मी शहीद हो गए थे। सरकार ने दिवंगत सीओ की बेटी को ओएसडी का पद दिया है जिसे देखकर अब अन्य शहीदों के स्वजन भी ओएसडी की नौकरी मांग रहे हैं।
कानपुर, जेएनएन। बिकरू कांड में शहीद हुए सीओ देवेंद्र कुमार मिश्रा की बेटी को विशेष कार्याधिकारी के पद पर नौकरी मिलने के बाद अन्य शहीदों की पत्नियां भी सरकार से इसी पद पर नौकरी की मांग कर रही है। मंगलवार को शहीद राहुल कुमार की पत्नी दिव्या भारती ने प्रधानमंत्री को ईमेल भेजा। इससे पूर्व दिव्या व दो अन्य शहीदों की पत्नियों ने मुख्यमंत्री को प्रार्थना पत्र भेजा था। हालांकि अब तक सुनवाई नहीं हुई है।
दो जुलाई 2020 में चौबेपुर थाने के बिकरू गांव में सीओ देवेंद्र मिश्रा पुलिस टीम के साथ हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने गए थे। आधी रात दुर्दांत विकास दुबे के गैंग से हुई मुठभेड़ में सीओ समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। वहीं पुलिस ने विकास दुबे समेत सात गुर्गों को एनकाउंटर में मार गिरया था और वारदात में संलिप्ता मिलने पर करीब 29 लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेजा था।
सरकार ने सभी शहीद पुलिस कर्मियों के आश्रितों को एक करोड़ रुपये मुआवजा दिया था। साथ ही सरकारी नौकरी का वादा किया था। पिछले माह सीओ की बेटी वैष्णवी की पुलिस विभाग में ओएसडी के पद पर नौकरी लगी। साथ ही शहीद बबलू कुमार के भाई उमेश को सिपाही के पद नौकरी मिली। अब शहीद सिपाही राहुल, सुल्तान और दारोगा अनूप सिंह की पत्नियां भी ओएसडी के पद पर नौकरी मांग रही हैं।
राहुल की पत्नी दिव्या ने कहा कि सभी शहीद के स्वजन को एक जैसी नौकरी मिलनी चाहिए। हम तीन महिलाएं परास्नातक तक चुकी हैं, लेकिन हमसे दारोगा के पद पर आवेदन कराया गया। मंगलवार देर शाम दिव्या ने प्रधानमंत्री को ई-मेल करके पत्र भेजा है। उन्होंने कहा कि दारोगा भर्ती के लिए सभी परीक्षाओं से गुजरने को कहा जा रहा है। हमें सीओ की बेटी की तरह कोई छूट नहीं दी जा रही है, जबकि भर्ती प्रक्रिया में किसी तरह का पक्षपात नहीं होना चाहिए।