Vikas Dubey Encounter Case: एनकाउंटर में शामिल पुलिसकर्मियों को मिली राहत, थाना प्रभारी बोले- ऊपर वाला करता है इंसाफ

Vikas Dubey Encounter Case दो जुलाई 2020 को चौबेपुर के बिकरू गांव में विकास दुबे ने पकडऩे आई पुलिस टीम के आठ सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। उसके बाद तीन जुलाई को पुलिस ने विकास के दो साथियों अतुल दुबे व प्रेमशंकर को मुठभेड़ में मार गिराया था।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 10:10 AM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 01:30 PM (IST)
Vikas Dubey Encounter Case: एनकाउंटर में शामिल पुलिसकर्मियों को मिली राहत, थाना प्रभारी बोले- ऊपर वाला करता है इंसाफ
इंस्पेक्टर रमाकांत पचौरी ने कहा कि ऊपर वाला इंसाफ करता है।

कानपुर, जेएनएन। Vikas Dubey Encounter Case बिकरू कांड के बाद 10 जुलाई को उज्जैन से लाते समय सचेंडी हाईवे पर कार पलटने के बाद विकास दुबे ने भागते समय एक पुलिसकर्मी की पिस्टल छीनकर फायरिंग की थी। जवाबी कार्रवाई में विकास को गोली लगी थी और हैलट अस्पताल लाते समय विकास की मौत हो गई थी। लेकिन एनकाउंटर की इस कार्रवाई पर सवाल खड़े हुए थे। अब सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित न्यायिक आयोग की ओर से क्लीनचिट मिलने के बाद उन पुलिसकर्मियों ने राहत की सांस ली है।

ये था मामला: दो जुलाई 2020 को चौबेपुर के बिकरू गांव में विकास दुबे ने पकडऩे आई पुलिस टीम के आठ सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। उसके बाद तीन जुलाई को पुलिस ने विकास के दो साथियों अतुल दुबे व प्रेमशंकर को मुठभेड़ में मार गिराया था। आठ जुलाई को 50 हजार रुपये का इनामी और विकास दुबे का साथी अमर दुबे भी हमीरपुर जिले के मौदहा में मुठभेड़ में मारा गया था। अगले ही दिन पुलिस ने प्रवीण दुबे उर्फ बउआ और प्रभात मिश्रा को भी इटावा और कानपुर में मुठभेड़ में मार गिराया था। तभी विकास को भी डर सताने लगा और उसने उज्जैन जाकर महाकाल मंदिर में सरेंडर कर दिया था। कानपुर से एसटीएफ व पुलिस टीम उसे लेने के लिए रवाना हुई। वापस लौटते समय तेज बारिश होने लगी थी। इसी दौरान सचेंडी थानाक्षेत्र में विकास दुबे को ला रही कार अचानक पलट गई। इसके बाद विकास दुबे ने पुलिसकर्मी का हथियार छीनकर भागने की कोशिश की और सरेंडर करने के लिए कहने पर फायरिंग करने लगा। जवाबी कार्रवाई में उसे गोली लगी थी।

विकास के एनकाउंटर में शामिल रहे इंस्पेक्टर रमाकांत पचौरी इस समय सीसामऊ थाना प्रभारी हैं। उस दौरान वह नवाबगंज थाना प्रभारी थे। इंस्पेक्टर रमाकांत पचौरी ने कहा कि ऊपर वाला इंसाफ करता है। कार पलटने के बाद वह और उनके चार पुलिसकर्मी घायल हुए थे। फिर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और विकास को रोकने की कोशिश की थी। कई दिन तक अस्पताल में भर्ती रहे।

chat bot
आपका साथी