दारोगा ने कानपुर एसपी पश्चिम के सामने बयां की पीड़ा, बोला- तनाव में चार दिन से नहीं खाया खाना

आरोपित दारोगा की बात सुनने के बाद एसपी ने कोई भरोसा नहीं दिया और उसे अपनी बात सक्षम जांच अधिकारियों के सामने पेश होकर कहने का सुझाव देकर लौटा दिया है। एसआइटी ने जांच में दारोगा को भी आरोपित बनाया है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 07:10 AM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 07:10 AM (IST)
दारोगा ने कानपुर एसपी पश्चिम के सामने बयां की पीड़ा, बोला- तनाव में चार दिन से नहीं खाया खाना
दोषी पुलिस कर्मियों की जांच को लेकर आइजी बैठक कर सकते हैं।

कानपुर, जेएनएन। बिकरू में बीती दो जुलाई रात जो दारोगा आखिर तक गांव में मौजूद रहा, एसआइटी की जांच में उसे भी आरोपित करार दिया गया है। समाचार पत्रों में अपना नाम पढऩे के बाद सोमवार को दारोगा एसपी पश्चिम के सामने पेश हुआ और अपनी पीड़ा बयां की। उसने बताया कि वह बेहद तनाव में है, जबकि उसकी कोई गलती नहीं है।

एसआइटी की जांच में 37 पुलिस कर्मियों को दोषी माना गया था। इसमें से एक नाम चौबेपुर में तत्कालीन तैनात उप निरीक्षक विश्वनाथ मिश्रा का था। विश्वनाथ उस नरसंहार के चश्मदीद हैं। एसआइटी ने विश्वनाथ मिश्रा के खिलाफ वृहद दंड की सिफारिश की है। सोमवार को वह एसपी पश्चिम डॉ.अनिल कुमार के सामने पेश हुआ और बताया कि गोलीबारी के बाद वह पड़ोस के एक घर में एक सिपाही के साथ छिप गया था।

याद दिलाया कि गांव पहुंचने पर सबसे पहले उन्होंने ही उसे घर से बाहर निकाला था। वह अंतिम हालात तक डटा रहा, लेकिन जब कोई चारा शेष नहीं देखा तो छिप गया। उसे वृहद दंड किस बात के लिए दिया गया, उसे समझ में नहीं आ रहा। उसने पिछले तीन-चार दिनों से खाना नहीं खाया है। एसपी पश्चिम ने उसे कोई आश्वासन नहीं दिया और कहा कि उसे अपनी बात जांच के समय अधिकारियों के सामने रखने को कहा।

आइजी करेंगे समीक्षा

एसआइटी की जांच में दोषी पाए गए पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की समीक्षा के लिए आइजी मोहित अग्रवाल बैठक करेंगे। एसएसपी डॉ. प्रीतिंदर सिंह व एसपी ग्रामीण बृजेश श्रीवास्तव सहित इस प्रकरण में शामिल सभी पुलिस अधिकारी बैठक में शामिल रहेंगे।

chat bot
आपका साथी