औरैया में 100 क्विंटल तक धान का नहीं कराना होगा सत्यापन, क्रय नीति में किया गया बदलाव

जिला खाद्य विपणन अधिकारी ने बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में क्रय एजेंसिया एनआइसी द्वारा विकसित साफ्टवेयर पर आनलाइन धान क्रय की प्रक्रिया को अनिवार्य रूप से अपनाएंगी। धान के बोये गए रकवे का सत्यापन राजस्व विभाग की भूलेख संबंधी वेबसाइट से लिंकेज देकर आनलाइन कराया जायेगा।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 07:05 AM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 07:05 AM (IST)
औरैया में 100 क्विंटल तक धान का नहीं कराना होगा सत्यापन, क्रय नीति में किया गया बदलाव
धान खरीद की खबर से संबंधित प्रतीकात्मक फोटो।

औरैया, जेएनएन। जिले में एक नवंबर से धान खरीद शुरू होने जा रही है। इस बार क्रय नीति में कई बदलाव भी किये गये हैं। अभी तक प्रत्येक किसानों का रजिस्ट्रेशन होने के बाद एसडीएम की ओर से सत्यापन कराना होता था। कई दिनों से सत्यापन कार्य की रफ्तार काफी धीमी थी और किसानों को आनलाइन सत्यापन कराये जाने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। किसानों की समस्याओं को देखते हुए इस बार क्रय नीति में बदलाव किया गया है और सौ ङ्क्षक्वटल से कम धान बेचने वाले किसानों को सत्यापन नहीं कराना पड़ेगा। वह अपने नजदीकी क्रय केंद्र में ही केंद्र प्रभारी को धान खरीद से संबंधित कागजात मुहैया करा धान बेच सकेंगे। 

जिला खाद्य विपणन अधिकारी सुधांशु शेखर चौबे ने बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में क्रय एजेंसिया एनआइसी द्वारा विकसित साफ्टवेयर पर आनलाइन धान क्रय की प्रक्रिया को अनिवार्य रूप से अपनाएंगी। किसान की भूमि व धान के बोये गये रकवे का सत्यापन राजस्व विभाग की भूलेख संबंधी वेबसाइट से लिंकेज देकर आनलाइन कराया जायेगा। उन्होंने बताया कि किसान द्वारा बेचे जाने वाली धान की मात्रा का संगत भूलेख के आधार पर संबंधित उप जिलाधिकारी द्वारा आनलाइन सत्यापन, डिजिटल हस्ताक्षर से किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यदि किसान की ओर से अपना पंजीकरण अधिकतम सौ क्विंटल धान बिक्री के लिए किया गया है तो वह आनलाइन सत्यापन से मुक्त रहेगा। चकबंदी के अंतर्गत गांवों के किसानों का धान, चकबंदी संबंधी संगत अभिलेख के आधार पर डिजिटल हस्ताक्षर से शत प्रतिशत आनलाइन सत्यापन संबंधित उप जिलाधिकारी द्वारा किये जाने के बाद बाद ही क्रय किया जायेगा। खरीद के समय किसानों द्वारा खाद्य विभाग के पोर्टल पर पंजीकरण के संबंध में जो भी विवरण दर्ज किया गया है, उसके संबंध में समस्त मूल अभिलेख खरीद के समय क्रय केंद्रों पर क्रय प्रभारी के समक्ष प्रस्तुत किये जायेंगे। उनकी स्व: हस्ताक्षरित छायाप्रति भी उपलब्ध कराया जाना अनिवार्य होगा। इसके अलावा एनआइसी के सहयोग से क्रय व्यवस्था से जुड़े समस्त अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी दिलवाया जाएगा। 

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