कानपुर दंगा: एडीएम सीपी पाठक हत्याकांड में वासिफ ने मांगे 15 करोड़, नहीं आया सरकार का जवाब
कानपुर में हुए दंगे में एडीएम सीपी पाठक की गोली लगने से मौत हो गई थी जिसमें पुलिस ने वासिफ हैदर को आरोपित बनाकर मुकदमा दर्ज किया था। कोर्ट ने सुनवाई के बाद वासिफ को बरी कर दिया था जिसपर उसने मानहानि का वाद दाखिल किया है।
कानपुर, जेएनएन। एडीएम सीपी पाठक हत्याकांड के आरोपों से बरी होने के बाद वासिफ हैदर ने प्रदेश सरकार पर मानहानि का वाद दाखिल किया था। इस मामले में डेढ़ साल बाद भी सरकार की ओर से कोई हाजिर नहीं हुआ। इस पर सिविल जज जूनियर डिवीजन मनोज कुमार ने जवाब देने का अवसर समाप्त करते हुए एकपक्षीय कार्रवाई के आदेश दिए हैं। अगली सुनवाई पर वासिफ के बयान दर्ज होंगे।
एडीएम सीपी पाठक हत्याकांड में पुलिस ने वासिफ हैदर को गिरफ्तार किया था। इस मामले में पुलिस ने देशद्रोह का मुकदमा चलाया था। सुप्रीम कोर्ट से बरी होने के बाद वासिफ ने प्रदेश सरकार पर 27 मई 2019 को मानहानि का वाद दाखिल किया था। उन्होंने सरकार से मानहानि के एवज में 15 करोड़ रुपये का मुआवजा मांगा है।
अधिवक्ता सिद्धांत शुक्ला ने बताया कि न्यायालय ने इस पर आपत्ति दाखिल करने के लिए प्रदेश सरकार को समय दिया था लेकिन कई बार समय दिए जाने के बाद भी कोई उपस्थित नहीं हुआ। जिसके बाद उन्होंने न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर एकपक्षीय कार्रवाई की मांग कोर्ट से की थी। इस प्रार्थना पत्र पर न्यायालय ने सरकार के पक्ष रखने का अवसर समाप्त करते हुए सोमवार को आदेश जारी किए हैं। इस मामले में पर अगली सुनवाई 15 अप्रैल को होगी जिसमें वासिफ हैदर के बयान दर्ज होंगे।