वैभव अपहरण काड : दोस्त ने रची थी अपहरण की साजिश

सचेंडी के कला का पुरवा गाव निवासी दीपेंद्र सिंह चंदेल के बेटे वैभव का हुआ था अपहरण।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 01:37 AM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 01:37 AM (IST)
वैभव अपहरण काड : दोस्त ने रची थी अपहरण की साजिश
वैभव अपहरण काड : दोस्त ने रची थी अपहरण की साजिश

जागरण संवाददाता, कानपुर : सचेंडी के कला का पुरवा गाव निवासी दीपेंद्र सिंह चंदेल के बेटे वैभव के अपहरण की साजिश उसके ही साथ कचिंग पढ़ने वाले एक दोस्त ने रची थी। इस साजिश में उसने बांदा केजारी गाव निवासी कुछ दोस्तों को शामिल कर लिया था। 12 घटे के भीतर ही पुलिस ने वैभव को मुक्त कराते हुए दो अपहर्ताओं को गिरफ्तार किया है।

वैभव उर्फ विभव गुरुवार अपराह्न तीन बजे कोचिंग पढ़ने को घर से निकला था। रात नौ बजे तक वह वापस नहीं आया तो स्वजन ने तलाश शुरू की। सुबह छह बजे गुमशुदगी दर्ज कराई। अपर पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि वैभव की साइकिल बंधुआपुर गाव में एक चाय की दुकान के बाहर खड़ी मिली। चायवाले ने बताया कि एक युवक आया था। दस मिनट बाद आने की बात कह साइकिल खड़ा करके स्कार्पियो में बैठकर चला गया था। इसी दौरान एक मुखबिर ने स्कार्पियो का नंबर यूपी 90 एल 9721 पुलिस को दिया। गाड़ी बांदा के जारी गाव निवासी उदयभान सिंह की निकली। कला का पुरवा गाव की तमाम रिश्तेदारियां जारी गाव में हैं। उदयभान का नंबर लेकर उसे सर्विलांस पर लगाया तो पता चला कि अपहृत वैभव और उदयभान के मोबाइल नंबरों की लोकेशन एक साथ बदल रही थी। इसके बाद आपरेशन वैभव शुरू हुआ। डीसीपी क्राइम सलमान ताज पाटिल और डीसीपी पश्चिम बीबीजीटीएस मूर्ति के नेतृत्व में संयुक्त टीम ने शाम सात बजे जारी गाव के जंगल से वैभव को बरामद कर लिया। अपहर्ताओं ने उसे नशे की गोलिया देकर बेहोश कर दिया था। हाथ पांव भी बंधे थे। पुलिस ने गाड़ी मालिक उदयभान सिंह और चालक राजकिशोर को गिरफ्तार कर लिया।

अपहरण के लिए रचा दोस्ती का नाटक

अपर पुलिस आयुक्त के मुताबिक दीपेंद्र सिंह ने कुछ दिन पहले अपनी जमीन ढाई करोड़ रुपये में बेची थी। इसकी जानकारी कला का पुरवा निवासी भल्लू सेंगर के बेटे आकाश को थी। वैभव से दोस्ती करने के लिए उसने उसके साथ कोचिंग में पढ़ाई की। वहीं कला का पुरवा निवासी भोला सिंह की ससुराल बांदा के जारी गाव में है। उसके दो साले उदयभान सिंह व रतिभान सिंह हैं। रतिभान के बेटों आकाश व विकास से आकाश की दोस्ती थी। आकाश और विकास के साथ उदयभान सिंह भी साजिश में शामिल हो गया। बाद में जसपुरा निवासी आर्यन और उदयभान की गाड़ी चलाने वाला राज बहादुर सिंह चंदेल भी जुड़ गए। आकाश, विकास, आर्यन के साथ ही मुख्य साजिशकर्ता आकाश सिंह सेंगर फरार है।

बड़े भाई को बंधक बनाने की थी योजना

दीपेंद्र सिंह के दो बेटे अभय व वैभव और एक बेटी है। पूछताछ में सामने आया है कि मुख्य साजिशकर्ता आकाश ने पहले अभय को पार्टी देने के बहाने अपने साथ ले चलने का झांसा दिया था। असफल रहने पर वैभव के अपहरण की योजना बनी।

गाव के घर से भागा तो जंगल में बनाया बंधक

पुलिस के मुताबिक उदयभान के दो घर हैं। अपहरण के बाद वैभव को उसके खाली पड़े घर में बंधक बनाया गया। रात में वैभव ने भागने की कोशिश की, जिसके बाद उसे पीटा गया। रात में ही उसे गाव के बाहर जंगल में शिफ्ट कर दिया गया।

चित्रकूट के बीहड़ ले जाने की थी तैयारी

अपहर्ता वैभव को चित्रकूट के बीहड़ ले जाने की तैयारी में थे, जहा से फिरौती मागी जाती। अपहर्ताओं ने वैभव का फोन भी स्विच आफ करा दिया था।

फिरौती मागने के बाद थी हत्या की तैयारी

अपहर्ताओं ने अभी वैभव के स्वजन को फिरौती के लिए फोन नहीं किया था। वह चाहते थे कि पहले परिवार परेशान हो जाए, ताकि मोटी रकम मागी जा सके। पुलिस के मुताबिक चूंकि अपहर्ता पहचान के थे, इसलिए योजना थी कि वैभव को तब तक जिंदा रखना है, जब तक कि एक बार परिवार से बात करके फिरौती की रकम नहीं माग ली जाए।

अपराधी प्रवृत्ति का है उदयभान सिंह

उदयभान अपराधी प्रवृत्ति का है। बिधनू में उसके खिलाफ हत्या और बांदा के कोतवाली थानाक्षेत्र में हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज है। अन्य आरोपितों की क्रिमिनल हिस्ट्री खंगाली जा रही है।

ऐसे मिला स्कार्पियो का नंबर

अपहरण में प्रयुक्त स्कार्पियो काफी देर पहले बंधुवापुर गाव में घूम रही थी। गाड़ी में बैठे लोगों ने एक दुकान के बाहर खड़े होकर शराब पीनी शुरू कर दी। दुकानदार ने आपत्ति जताई तो स्कार्पियो सवार उससे झगड़े को तैयार हो गए। दुकानदार ने खुद को खतरा देखा तो स्कार्पियो का नंबर नोट कर लिया और उसका ये कदम एक मासूम की जान बचाने में बड़ा कारण बना।

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