रणजी के रण के लिए उत्तर प्रदेश की टीम को कोच की दरकार, इनके नाम पर लग सकती है मुहर

दो से चार दिसंबर के बीच ग्रीनपार्क व कमला क्लब में होगा प्रथम चरण का ट्रायल। रणजी ट्रॉफी का आयोजन 11 जनवरी से 18 मार्च के बीच कराया जाएगा। उप्र से भारतीय टीम का सफर तय करने वाले पूर्व क्रिकेटरों के नाम पर चर्चा चल रही है।

By ShaswatgEdited By: Publish:Mon, 30 Nov 2020 03:51 PM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2020 03:52 PM (IST)
रणजी के रण के लिए उत्तर प्रदेश की टीम को कोच की दरकार, इनके नाम पर लग सकती है मुहर
कमला क्लब में होने वाले क्रिकेट मैच ट्रायल की सांकेतिक तस्वीर।

कानपुर, जेएनएन। बीसीसीआइ द्वारा आयोजित घरेलू क्रिकेट की सबसे बड़ी क्रिकेट प्रतियोगिता रणजी ट्रॉफी का आयोजन 11 जनवरी से 18 मार्च के बीच कराया जाएगा। इसके लिए दो से चार दिसंबर को ग्रीनपार्क व कमला क्लब में प्रथम चरण के ट्रायल लिए जाएंगे। लंबे समय से रणजी के खिताब की आस लगाए उप्र की टीम इस बार बिना कोच के ट्रॉफी में उतर सकती है। जानकारों के मुताबिक संक्रमण के चलते इस बार सत्र सीमित कर दिया गया है। जिसके कारण उप्र टीम बिना कोच के रणजी के मुकाबलों में खेलने उतर सकती है। चयनकर्ता व टीम प्रबंधन सहायक कोच की तैनाती कर इस आयोजन को कराने की योजना बना सकता है।

ऐसी योग्यताओं से समृद्ध हो कोच 

पिछले सत्र में कोच रहे सुनील जोशी के बीसीसीआइ की चयन समिति के जाने के बाद से उप्र की टीम कोच की खोज में जुटी है। एसोसिएशन के एक निदेशक ने बताया कि आला स्तर पर बेहतर कोच की खोज की जा रही है। उन्होंने बताया कि एसोसिएशन इस बार ऐसे कोच की खोज कर रहा है। जो उप्र के खिलाडिय़ों को नजदीक से जानता हो। ताकि खिलाड़ी बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित हो सके। इसके साथ ही उप्र से भारतीय टीम का सफर तय करने वाले पूर्व क्रिकेटरों के नाम पर चर्चा चल रही है। जानकारों के मुताबिक इस श्रेणी में सबसे ऊपर वर्ष 1998 में उप्र रणजी टीम को फाइनल तक पहुंचाने वाले क्रिकेटर ज्ञानेंद्र पांडेय का नाम चल रहा है। उनकी कोचिंग क्षमता व उप्र के खिलाडिय़ों से लगाव के कारण एसोसिएशन उनके नाम पर मोहर लगा सकता है।

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