कोरोना का पुराना वैरिएंट खत्म, अब नए डबल म्यूटेंट से मुकाबले को और ताकतवर वैक्सीन पर मंथन

कोरोना वायरस के बार बार बदल रहे वैरिएंट को देखते हुए अब बहुरूपिया वायरस से निपटने के लिए वैक्सीन को ताकतवर बनाने को लेकर देश विदेश के विशेषज्ञ वेबिनार में विमर्श कर रहे हैं और सुझावों को केंद्र सरकार को प्रेषित किया जा रहा है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 08:57 AM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 08:57 AM (IST)
कोरोना का पुराना वैरिएंट खत्म, अब नए डबल म्यूटेंट से मुकाबले को और ताकतवर वैक्सीन पर मंथन
देश-विदेश के विशेषज्ञ विमर्श कर रहे हैं।

कानपुर, [ऋषि दीक्षित]। बहुरूपिया कोरोना वायरस अब डबल म्यूटेंट डेल्टा वैरिएंट हो चला है। अमेरिका और ब्रिटेन में हुए शोध में पता चला है कि पुराने वायरस के मुकाबले कोरोना के नए वैरिएंट के स्पाइक प्रोटीन यानी एमिनो एसिड में बदलाव (484 पोजिशन ) हुआ है। इसे शोध को प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल लैंसेट ने प्रकाशित किया गया है। इससे निपटने के लिए अब वैक्सीन को और ज्यादा प्रभावी बनाने के लिए मंथन शुरू हुआ है। देश-विदेश के विशेषज्ञ वेबिनार के जरिए इस पर विमर्श कर रहे हैं। इसमें जीएसवीएम मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोजी विभाग के प्रोफसर डा. विकास मिश्रा भी शामिल हैं। ये सभी अपने सुझाव लगातार केंद्र सरकार को दे रहे हैैं।

नए वैरिएंट डेल्टा ने मचाई खलबली

कोरोना संक्रमण की चपेट में आज पूरा विश्व है। वायरस के खिलाफ एंडीबाडी और हर्ड इम्यूनिटी विकसित करने के लिए वैक्सीनेशन चल रहा है। इस बीच, कोरोना के नए वैरिएंट डेल्टा ने देश-विदेश में खलबली मचा दी है। इस नए वैरिएंट के अप्रैल की शुरूआत में ब्रिटेन में एक फीसद केस थे, जो मई के मध्य तक 75 फीसद हो गए। विशेषज्ञों का कहना है कि ब्रिटेन में पुराने वैरिएंट को खत्म कर नए वैरिएंट ने उसकी जगह ले ली है। इसलिए सिर्फ 45 दिन के अंदर 74 फीसद केस बढ़े हैं, जिससे वहां तीसरी लहर की आशंका है।

डेल्टा वैरिएंट से वैक्सीन के असर पर मंथन

ब्रिटेन और अमेरिका में नए डेल्टा वैरिएंट पर वैक्सीन के प्रभाव के अध्ययन के लिए कोविशील्ड व फाइजर की वैक्सीन लगवाने वाले दो अलग-अलग समूह को लिया गया। इसमें पाया गया कि पहली डोज लगवाने वाले महज 30 फीसद सुरक्षित पाए गए। वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने वालों में दोनों वैक्सीन के डाटा अलग-अलग पाए गए। कोविशील्ड लगवाने वालों में 60 फीसद सुरक्षित हुए, जबकि फाइजर की वैक्सीन लगवाने वाले 80 फीसद सुरक्षित पाए गए। ऐसे में वैक्सीन को ताकतवर बनाने पर चिंतन जारी है ताकि उसके जरिए लोगों को सुरक्षित रखकर तीसरी लहर को रोका जा सके। रूप बदलते वायरस और आक्रामकता को लेकर मंथन किया जा रहा है। अभी तक के मंथन में यह निकलकर आया है कि वायरस की जीनोम सिक्वेंसिंग लगातार होनी चाहिए, ताकि वायरस के बारे में पता चलता रहे। उसके हिसाब से वैक्सीन को प्रभावी बनाने पर काम भी चलता रहे। इसके लिए केंद्र सरकार को सुझाव दे रहे हैैं। इसके अलावा हम सभी मास्क जरूर लगाएं। कोविड प्रोटोकाल का भी पूरी तरह से पालन करें और सुरक्षित रहें। -डा. विकास मिश्रा, प्रोफेसर, माइक्रोबायोलाजी, जीएसवीएम मेडिकल कालेज।

chat bot
आपका साथी