America को भाया आइआइटी कानपुर का विभ्रम, दवाएं पहुंचाने में होगा UAV का प्रयोग

अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता फर्स्ट रिस्पांडर इंड्योरेंस चैलेंज 2021 में आइआइटी कानपुर के मानवरहित हेलीकाप्टर का वीडियो के जरिए प्रदर्शन किया गया। इसे अमेरिका में पसंद किया गया और इसका प्रयोग दवाएं पहुंचाने में होगा। अन्य देशों के भी यूएवी इस प्रतियोगिता में अपना प्रदर्शन करेंगे।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 09:53 AM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 01:39 PM (IST)
America को भाया आइआइटी कानपुर का विभ्रम, दवाएं पहुंचाने में होगा UAV का प्रयोग
आइआइटी कानपुर में यूएवी तैयार किया गया है।

कानपुर, विक्सन सिक्रोडिय़ा। पांच किलो वजन उठाकर 80 मिनट उडऩे वाला आइआइटी का पहला शक्तिशाली मानव रहित (यूएवी) हेलीकाप्टर 'विभ्रम' का प्रदर्शन अमेरिका को भाया है। अमेरिका में हो रही 'फस्र्ट रिस्पांडर इंड्योरेंस चैलेंज 2021' अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में वीडियो के जरिए इस यूएवी हेलीकाप्टर की खूबियां प्रदर्शित की गईं। रविवार को वीडियो के साथ ही इसका डिजाइन डाक्यूमेंट भेजा गया है। अब प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल के फैसले का इंतजार है। कुछ माह पहले हुए प्रतियोगिता के तीसरे चरण में आइआइटी का यह यूएवी विजेता भी रह चुका है।

नेशनल इंस्टीट््यूट ऑफ स्टैंडर्स एंड टेक्नोलॉजी ने आइआइटी के स्टार्टअप इंड्योर एयर को अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए चयनित किया है। इस मानव रहित हेलीकॉप्टर की खासियत है कि यह इंजन से चलता है। इसमें तीन लीटर का पेट्रोल का टैंक लगा है। अभी तक जो यूएवी बनाए गए हैं, बैट्री व रिमोट से संचालित होते थे, जिनकी दूरी बहुत सीमित रहती थी। इंजन के जरिए चलने वाले इस हेलीकाप्टर को उस गंतव्य पर पहुंचाया जा सकता है, जहां इसे भेजना हो, क्योंकि इसमें दिशा व रेंज फिक्स की जा सकती है।

मानव रहित यान बनाने वाली टीम के प्रमुख प्रो. अभिषेक ने बताया कि पीएचडी छात्र रामाकृष्णा व एमटेक छात्र चिराग जैन ने मिलकर इसे बनाया है। ऋषि बाजपेई इसके फ्लाइट टेस्ट इंजीनियर व विनय कुमार चीफ टेक्नीशियन हैं। इस हेलीकाप्टर का परीक्षण मध्य प्रदेश में इसे 30 किमी तक उड़ाकर किया जा चुका है। अब इसका प्रयोग उन स्थानों पर मरीजों तक दवा पहुंचाने में किया जाएगा, जहां वाहनों की आवाजाही बहुत आसानी से नहीं हो पाती है।

उड़ान का डाटा अमेरिका भेजा गया

यूएवी हेलीकाप्टर को उड़ाकर उसका वीडियो बनाने के दौरान जो डाटा रिकार्ड किया गया, उसे प्रतियोगिता के तहत अमेरिका भेजा गया है। इससे यह पता चलेगा कि इस यूएवी का प्रदर्शन कैसा है। इस प्रतियोगिता के लिए भारत से केवल इसी यूएवी का चयन हुआ है। अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस व जर्मनी समेत अन्य देशों के भी यूएवी इस प्रतियोगिता में अपना प्रदर्शन करेंगे। अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता की विजेता टीम को 75 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा।

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