परचून दुकानदार के बेटे का अमेरिका की ह्यूस्टन यूनिवर्सिटी में चयन, पीएचडी के लिए मिलेगी स्कॉलरशिप
कानपुर के बिल्हौर कस्बे में परचून की दुकान चलाने वाले का बेटा अब अमेरिका की ह्यूस्टन यूनिवर्सिटी से पीएचडी करेगा। कंप्यूटर सांइस में पीएचडी करने के लिए उसे सालाना छात्रवृत्ति मिलेगी उसकी सफलता से परिवार व परिचित बेहद खुश हैं।
कानपुर, जेएनएन। कहते हैं अगर लगन है तो आसमान को भी पाना मुश्किल नहीं है.., कुछ ऐसा ही कर दिखाया है बिल्हौर में रहने वाले परचून दुकानदार के बेटे ने...। बिल्हौर में रहने वाला आकाश अब अमेरिका की ह्यूस्टन यूनिवर्सिटी पीएचडी करेंगे और उन्हें सालाना लाखों की स्कॉलरशिप भी मिलेगी। उनकी इस सफलता न सिर्फ परिवार में बेहद खुशी बल्कि परिचतों ने भी बधाइयों का तांता लगा दिया है।
बिल्हौर इंटर कालेज में शिक्षक और कांग्रेसी नेता रहे सुरेश चंद्र अवस्थी के बड़े बेटे प्रदीप अवस्थी ककवन रोड पर परचून की दुकान चलाते हैं और मुनीश्वर अवस्थी नगर में रहते हैं। उनके बेटे आकाश अवस्थी का अमेरिका के ह्यूस्टन विश्वविद्यालय से संबद्ध कुलेन कालेज आफ इंजीनियरिंग में कंप्यूटर सांइस ट्रेड में पीएचडी के लिए चयन हुआ है। आकाश ने बताया कि बिल्हौर में कक्षा आठ तक शिक्षा ग्रहण की। इसके बाद रामबाग कानपुर में बुआ के घर पर रहकर कक्षा नौ से इंटर तक जय नरायन विद्या मंदिर कालेज में पढ़ाई की। तमिलनाडु के मदुरई में कालासलिंगम विश्वविद्यालय में कंप्यूटर सांइस से बीटेक किया। बीटेक करने के दौरान कालेज की ओर से आइआइटी कानपुर, भाभा एटामिक रिसर्च सेंटर में रिसर्च वर्क किया।
उन्होंने बताया कि मई 2020 में बीटेक के बाद उनका चयन मल्टीनेशनल कंपनी में 12 लाख रुपये सालाना पैकेज पर हो गया। इसमें वह वर्क फ्राम होम पर हैं। इसी बीच अमेरिका के ह्यूस्टन विश्वविद्यालय में पीएचडी के लिए आवेदन किया था। आनलाइन परीक्षा व इंटरव्यू के माध्यम से मई 2021 में चयन हो गया। पांच वर्ष के पाठ्यक्रम में उनको प्रतिवर्ष लगभग 30 लाख रुपये की छात्रवृत्ति मिलेगी। पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद दो वर्ष तक वहां काम करना पड़ेगा आकाश ने बताया कि 12 अगस्त को दिल्ली से हवाई जहा से अमेरिका जाएंगे। 23 अगस्त से वहां कक्षाएं शुरू होंगी। वह अपनी सफलता का श्रेय स्वजन व गुरुजन को देते हैं। चाचा संदीप अवस्थी ने बताया कि आकाश शुरू से ही मेधावी रहा। वह पढ़ाई में ज्यादा ध्यान देता रहा। कभी मनोरंजन के लिए संगीत सुनता था। युवाओं को हमेशा आगे बढऩे का संदेश दिया है।