कानपुर में तंबाकू मुक्त क्षेत्र होंगे शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बताए जाएंगे धूम्रपान के नुकसान

शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कार्यरत कर्मचारियों एवं लाभार्थियों द्वारा कोटपा कानून का उल्लंघन करने पर 200 रुपये तक जुर्माना भी लगाया जा सकता है। तंबाकू से होने वाली बीमारियों के प्रति सचेत भी किया जाएगा। उन्हें उसके नुकसान बताए जाएंगे।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Thu, 11 Feb 2021 04:25 PM (IST) Updated:Thu, 11 Feb 2021 04:25 PM (IST)
कानपुर में तंबाकू मुक्त क्षेत्र होंगे शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बताए जाएंगे धूम्रपान के नुकसान
कानपुर में धूम्रपान हानिकारक है का दिया जाएगा संदेश।

कानपुर, जेएनएन। शहरी क्षेत्र के सभी नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (अर्बन पीएचसी) को तंबाकू मुक्त क्षेत्र बनाया जाएगा। इन केंद्रों को तंबाकू मुक्त केंद्र घोषित करने के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी ने सहमति जताई है। उसके बाद से जिला तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ इन अर्बन पीएचसी को तंबाकू मुक्त क्षेत्र बनाने में जुट गया है। सीएमओ डॉ. अनिल मिश्रा ने राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के नोडल अधिकारी को इन सभी केंद्रों को तंबाकू मुक्त व धूमपान मुक्त बनाने के निर्देश दिए हैं। इसका पालन केंद्र के डॉक्टर एवं कर्मचारी करेंगे और इलाज के लिए आने वाले मरीजों एवं उनके स्वजनों को भी बताएंगे। उनके धूमपान न करने का आग्रह भी करेंगे।

यह है कोटपा अधिनियम

धारा 6 ए में स्कूल और कॉलेजों के 100 गज की परिधि में तंबाकू उत्पाद बेचना निषेध है, व धारा छह बी में 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों का तंबाकू उत्पाद बेचना या उनसेअन्य तंबाकू उत्पाद नियंत्रण अधिनियम 2003 (कोटपा) के अंतर्गत धारा 4 में सार्वजनिक स्थानों में धूमपान के उत्पाद की बिक्री करवाना भी अपराध की श्रेणी में आता है।

सेवा न करने पर जुर्माना

शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कार्यरत कर्मचारियों एवं लाभार्थियों द्वारा कोटपा कानून का उल्लंघन करने पर 200 रुपये तक जुर्माना भी लगाया जा सकता है। तंबाकू से होने वाली बीमारियों के प्रति सचेत भी किया जाएगा। उन्हें उसके नुकसान बताए जाएंगे।

यह हो सकती बीमारियां

तंबाकू की वजह से फेफड़े संबंधित रोग, जैसे खांसी, दमा, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, स्ट्रोक यानी लकवा, हार्ट अटैक हो सकता है। साथ ही मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

जिला अस्पताल में तंबाकू उन्मूलन केंद्र

राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत उर्सला अस्पताल स्थित जिला तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ की ओर से नशा उन्मूलन केंद्र की ओपीडी भी चलाई जा रही है। तंबाकू की लत से छुटकारा दिलाने में मदद के लिए जिला सलाहकार एवं काउंसलर हैं, जो ओपीडी में आए लोगों की काउंसलिंग करते हैं। ज्यादा गंभीर मरीजों को तंबाकू नियंत्रण विभाग रेफर कर दिया जाता है।

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