औद्योगिक क्षेत्रों के लिए प्रवर्तन दस्ते का गठन जल्द, डीएसपी व इंस्पेक्टर समेत पुलिस फोर्स की मांग

यूपीसीडा में मानचित्र के विपरित बनाए गए भवन व अतिक्रमण हटाने के लिए प्रवर्तन दस्ता गठित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक ने प्रतिनियुक्ति पर डीएसपी इंस्पेक्टर और कांस्टेबल उपलब्ध कराने का आग्रह किया है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 03:57 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 03:57 PM (IST)
औद्योगिक क्षेत्रों के लिए प्रवर्तन दस्ते का गठन जल्द, डीएसपी व इंस्पेक्टर समेत पुलिस फोर्स की मांग
यूपीसीडा के मुख्य कार्यपालक ने अपर मुख्य सचिव गृह को पत्र भेजा है।

कानपुर, जेएनएन। उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के औद्योगिक क्षेत्रों में अतिक्रमण और गलत तरीके से मानचित्र के विपरीत भवन निर्माण के मामलों की जांच और कार्रवाई के लिए अब प्रवर्तन दस्ता गठित करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। अब प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मयूर माहेश्वरी ने अब अपर मुख्य सचिव गृह को पत्र लिखा है और प्रतिनियुक्ति पर डीएसपी, इंस्पेक्टर और कांस्टेबल व हेड कांस्टेबल उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। इनके दो दस्ते बना जाएंगे। एक दस्ता कानपुर और दूसरा गाजियाबाद में रहेगा। प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों को दो हिस्सों में बांटकर प्रवर्तन की कार्रवाई की जाएगी। उम्मीद है कि जल्द ही दो डीएसपी, चार इंस्पेक्टर या सब इंस्पेक्टर, 20 कांस्टेबल व हेडकांस्टेबल प्राधिकरण को उपलब्ध हो जाएंगे।

प्राधिकरण ने कानपुर के पनकी, चकेरी, रूमा, कानपुर देहात के जैनपुर, जैनपुर ग्रोथ सेंटर, रनिया, फर्रुखाबाद के खिन्सेपुर, फतेहपुर के मलवा, उन्नाव में बंथर, उन्नाव , ट्रांसगंगा सिटी गंगा बैराज, बाराबंकी में कुर्सी रोड के साथ ही बरेली, आगरा, मेरठ, मुरादाबाद, गाजियाबाद , मऊ, वाराणसी, गोरखपुर समेत प्रदेश के विभिन्न जिलों में औद्योगिक क्षेत्र स्थापित हैं। इन औद्योगिक क्षेत्रों में अभी प्रवर्तन की कार्रवाई प्राधिकरण की तरफ से नहीं की जाती, क्योंकि कोई दस्ता ही नहीं बना है।

अतिक्रमण हटाने के लिए विकास प्राधिकरणों या नगर निगम की मदद ली जाती है। यही वजह है कि तमाम आवंटी मानक के विपरीत भवन बना लेते हैं। उन पर शमन की कार्रवाई तो होती हे, लेकिन भवन सील नहीं किए जाते। इस समस्या के समाधान के लिए ही पिछले साल प्रवर्तन दस्ता बनाने की योजना बनी थी और अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी से दो डीएसपी, चार इंस्पेक्टर अथवा सब इंस्पेक्टर 20 कांस्टेबल व हेड कांस्टेबन मांगे गए थे। मांग के अनुरूप अभी तक शासन स्तर से कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। यही वजह है कि मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने दोबारा पत्र लिखा है और पुलिसकर्मियों की तैनाती प्रतिनियुक्ति पर करने का आग्रह किया है।

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