UPSC 2020 Topper : फतेहपुर, औरैया व इटावा से इन युवाओं की चमकी मेधा, सिविल सर्विसेज की परीक्षा में पाई कामयाबी

UPSC 2020 Uttar Pradesh Topper संघ लोक सेवा आयोग ने शुक्रवार शाम को नतीजे घोषित कर दिए हैं। इस परीक्षा में सफलता का परचम लहराने वाले लाेगों में से फतेहपुर जनपद की जागृति अवस्थी का नाम भी शामिल है।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 09:22 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 09:22 PM (IST)
UPSC 2020 Topper : फतेहपुर, औरैया व इटावा से इन युवाओं की चमकी मेधा, सिविल सर्विसेज की परीक्षा में पाई कामयाबी
फतेहपुर की जागृति अवस्थी और दिव्यांशु तिवारी, औरैया के आदित्य सिंह तथा इटावा के कुमार केशव।

फतेहपुर, जेएनएन। UPSC 2020 Uttar Pradesh Topper संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने शुक्रवार की शाम परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया है। परीक्षा में कुल 761 उम्मीदवार उत्तीर्ण हुए हैं। परीक्षा का आयोजन चार अक्टूबर 2020 को हुआ था। गौरतलब है कि सिविल सर्विसेज की प्रारंभिक परीक्षा में कुल 10,40,060 उम्मीदवारों ने आवेदन किया था, इनमें से 4,82,770 उम्मीदवार परीक्षा में शामिल हुए थे। उम्मीदरवार यूपीएससी की आधिकारिक वेबसाइट www.upsc.gov.in  पर जाकर अपने नतीजे देख सकते हैं।  

फतेहपुर की जागृति ने पाई दूसरी रैंक: अमौली ब्लाक के नसेनिया गांव निवासी स्व. महावीर प्रसाद अवस्थी बिंदकी के नेहरू इंटर कालेज में शिक्षक थे। चार बेटों में प्रवक्ता योगेश चंद्र अवस्थी, प्रवक्ता केशव चंद्र अवस्थी, डा. सुरेश चंद्र अवस्थी, पूर्व प्रधान अवधेश चंद्र अवस्थी हैं। डा. अवस्थी ने छतरपुर के होम्योपैथ कालेज से मेडिकल की पढ़ाई की और वहीं बस गए। मेधावी की मां मधुबाला अवस्थी महर्षि विद्या मंदिर सीनियर सकेंड्री स्कूल छतरपुर की पूर्व गेम्स टीचर रही हैं। इसके बाद परिवार भोपाल में शिफ्ट हो गया। मेधावी ने बताया कि 2017 में मौलाना आजार नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नालाजी से बीटेक किया। इसके बाद भेल में बतौर इंजीनियर ज्वाइनिंग की। आइएएस की तैयारी के लिए वह दिल्ली गयी लेकिन तीन माह की तैयारी के दौरान कोरोना संक्रमण आ गया जिससे उसे भोपाल लौटना पड़ा। फिर आनलाइन पढ़ाई करके इस मुकाम को हासिल किया है। मेधावी के मौसी के बेटे शिक्षक आदित्य पांडेय ने बताया कि जागृति ने जिले का नाम रोशन किया है और जिलेवासियों का सिर गर्व से ऊंचा हो गया है। 

नौकरी के साथ पढ़ाई कर फतेहपुर के दिव्यांशु ने पाई सफलता: नौकरी के साथ पढ़ाई की और पिछले अनुभव का सहारा लिया। इससे संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा में 198वीं रैंक पाई है। यह कहना है कि शहर के सिविल लाइंस मुहल्ले के दिव्यांशु तिवारी का। वह वर्तमान में दिल्ली में आयकर विभाग में बतौर सहायक आयुक्त तैनात हैं। शुक्रवार शाम उन्होंने पिता को वीडियो काल करके अपनी सफलता की जानकारी तो सब लोग खुशी से झूम उठे। सिविल लाइंस के राजेंद्र कुमार तिवारी, सविता तिवारी के होनहार इकलौते बेटे ने वर्ष 2018 में आइआरएस परीक्षा में 323वीं रैंक हासिल की थी। मौजूदा समय में वह दिल्ली में आयकर विभाग में सहायक आयुक्त के पद पर कार्यरत हैं। भाई की सफलता से बड़ी बहन दिव्या और छोटी बहन दिव्यांशी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। ससुराल से मायके पहुंच कर वह माता-पिता की खुशी का हिस्सा बनीं। पिता मौजूदा समय में जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय में प्रधान लिपिक के पद पर तैनात हैं, जबकि मां गृहणी हैं। देर रात तक लोग उनके घर पर बधाई देने पहुंचते रहे।  

औरैया के डिप्टी कलेक्टर को भी मिली कामयाबी: औरैया में तैनात डिप्टी कलेक्टर आदित्य सिंह का आइएएस बनने का सपना आखिरकार साकार हुआ। संघ लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित सिविल सर्विस परीक्षा-2020 में उन्होंने 92वीं रैंक हासिल की है। मुजफ्फरनगर जिले के थिताबी गांव निवासी आदित्य सिंह पुत्र जितेंद्र कुमार की तैनाती डिप्टी कलेक्टर पद पर 15 अप्रैल 2021 को जिले में हुई। वह सदर तहसील में सेवारत हैं। कोरोना संक्रमण के कारण परीक्षा परिणाम कुछ माह देर से घोषित हुए हैं। आदित्य सिंह ने बताया कि कक्षा सात की तक की पढ़ाई उन्होंने गांव के एक स्कूल में की। इसके बाद आगे की पढ़ाई शहर के स्कूल में की थी। नोएडा के जेएसएस कालेज के उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले आदित्य किसान परिवार से जुड़े हैं। आदित्य सिंह ने बताया कि उन्होंने परीक्षा के लिए 10 से 12 घंटे पढ़ाई की। वर्ष 2016 में पहली बार परीक्षा दी थी। इसके बाद फिर दो साल लगातार पढ़ाई की, तब डिप्टी कलेक्टर बने। 

इटावा के केशव भी चमके: इटावा के सराफा कारोबारी अजय कुमार सिंह के बेटे कुमार केशव ने कहा कि धैर्य के साथ ही कड़ी मेहनत से मंजिल तक आसानी से पहुंच सकते हैं। मैंने भी पीएच फार्मूला (पेशेंस और हार्ड वर्क) से यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा 2020 में 491वीं रैंक हासिल की। कुमार केशव ने ने बताया कि प्राथमिक स्तर की शिक्षा लखना कस्बे में पाई। इसके बाद इंटरमीडिएट जनता विद्यालय इंटर कालेज बकेवर से प्रथम श्रेणी में पास किया। स्नातक हंसराज कालेज दिल्ली से करने के बाद तैयारी में जुट गए। बताया कि उनकी उपलब्धि के पीछे पीएच फार्मूले की भूमिका सबसे अहम है। इसके अलावा हर घड़ी-हर पल परिवार, पिता अजय कुमार सिं वर्मा, मां गौरी रानी के साथ ही भाई कुमार कृष्णा का साथ रहा है। भाई भारतीय सीमा शुल्क मुंबई में सुपरिटेंडेंट के पद पर कार्यरत हैं। वह युवाओं को यही संदेश देंगे कि लक्ष्य बनाकर तैयारी करने पर आसानी से सफलता पाई जा सकती है। उसके लिए उतनी ही मेहनत भी जरूरी है। 

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