उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने दी बड़ी राहत, नीलामी के भूखंड पर पुन: देय नहीं होगा स्टांप शुल्क

अभी कोई व्यक्ति जब प्राधिकरण के औद्योगिक क्षेत्र में बैंक या कोर्ट के माध्यम से किसी भी भूखंड को नीलामी में लेता है तो उसे पहले बैंक या कोर्ट की तरफ से सेल लेटर दिया जाता है। इसके बाद सेल डीड कराई जाती है।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Fri, 26 Feb 2021 06:40 AM (IST) Updated:Fri, 26 Feb 2021 06:40 AM (IST)
उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने दी बड़ी राहत, नीलामी के भूखंड पर पुन: देय नहीं होगा स्टांप शुल्क
उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण से संबंधित सांकेतिक तस्वीर ।

कानपुर, जेएनएन। उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण प्रबंधन ने औद्योगिक क्षेत्रों में कोर्ट या बैंक के माध्यम से नीलामी के माध्यम से प्लाट खरीद चुके व खरीदने की तैयारी कर रहे लोगों को बड़ी राहत दी है। ऐसे लोगों को दोबारा स्टांप शुल्क नहीं देना होगा। अगर सेल डीड हो चुकी है तो अब लीज डीड की आवश्यकता नहीं होगी। प्रबंधन सिर्फ ट्रांसफर लेवी लेकर जरूरी प्रक्रिया पूरी करेगा। इसी तरह पूर्व में किसी ने अगर प्लाट नीलामी में ले लिया है और उसने सेल डीड नहीं कराई है तो सेल लेटर से ही उसका काम चल जाएगा। ऐसे व्यक्ति को लीज डीड करानी पड़ेगी। प्रबंधन सेल डीड नहीं मांगेगा।

नई सुविधा से दो सौ से अधिक लोगाें को मिलेगा लाभ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना उद्यमियों से लगातार संवाद स्थापित कर रहे हैं। औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सीईओ मयूर माहेश्वरी भी उद्यमियों के साथ बैठकें कर रहे हैं। उनके समक्ष स्टांप शुल्क देने का मुद्दा कई बार उठा। उन्हें भी नीलामी में भूखंड लेने वालों पर पडऩे वाले आर्थिक बोझ से मिलने वाला दर्द समझ में आया और फिर नीति में परिर्वतन का निर्णय लिया गया। नई सुविधा से फिलहाल दो सौ से अधिक लोगों को लाभ मिलेगा। भविष्य में भी इसका लाभ और लोग भी उठा सकेंगे। 

ये थी प्रक्रिया 

अभी कोई व्यक्ति जब प्राधिकरण के औद्योगिक क्षेत्र में बैंक या कोर्ट के माध्यम से किसी भी भूखंड को नीलामी में लेता है तो उसे पहले बैंक या कोर्ट की तरफ से सेल लेटर दिया जाता है। इसके बाद सेल डीड कराई जाती है। सेल डीड कराने में कई बार लाखों रुपये स्टांप शुल्क देना पड़ता है। इसके बाद प्रबंधन उस व्यक्ति से ट्रांसफर लेवी लेने के बाद लीज डीड कराता है। लीज डीड कराते समय भी स्टांप शुल्क देना होता है। अब इस प्रक्रिया को समाप्त किया गया है। अगर सेल डीड है तो प्रबंधन लीज डीड नहीं कराएगा और अगर सिर्फ सेल लेटर है तो सेल डीड नहीं मांगेगा। सौ रुपये के स्टांप पेपर पर एक समझौता पत्र बनेगा, उस पर प्राधिकरण की नियम और शर्तें लिखी जाएंगी, जिसे भूखंड लेने वाले को मानना ही होगा।

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