UPCIDA CEO ने कहा... कार्यों की गुणवत्ता जांचेगी rights Organization, IIT Kanpur करेगा DPR का परीक्षण

उद्यमी निवेश तो करना चाहते हैं लेकिन औद्योगिक क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव भूखंड आवंटन लीजडीड मानचित्र पास कराने में होने वाली दिक्कतों की वजह से वे ऐसा नहीं कर पाते लेकिन कोविड आपदा को भी प्राधिकरण ने अवसर में बदला है।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 10:10 AM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 01:16 PM (IST)
UPCIDA CEO  ने कहा... कार्यों की गुणवत्ता जांचेगी rights Organization, IIT Kanpur  करेगा DPR का परीक्षण
प्राधिकरण के सीईओ मयूर माहेश्वरी ने दैनिक जागरण के मुख्य संवाददाता से बातचीत की

उत्तर प्रदेश में तेजी से औद्योगिक विकास हो। विदेशी निवेश बड़े पैमाने पर आए और यहां के लोगों को आसपास के ही शहर में काम मिल जाए इसकी जिम्मेदारी उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण प्रबंधन की है। कई बार ऐसा होता है कि उद्यमी निवेश तो करना चाहते हैं लेकिन औद्योगिक क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव, भूखंड आवंटन, लीजडीड, मानचित्र पास कराने में होने वाली दिक्कतों की वजह से वे ऐसा नहीं कर पाते, लेकिन कोविड आपदा को भी प्राधिकरण ने अवसर में बदला है। अब तक 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के लिए एक हजार से अधिक भूखंडों का आवंटन व हस्तांतरण किया गया है। ये सब कैसे हुआ, उद्यमियों को क्या सुविधाएं मिलेंगी आदि मुद्दों पर प्राधिकरण के सीईओ मयूर माहेश्वरी ने दैनिक जागरण के मुख्य संवाददाता से बातचीत की।

कानपुर की ट्रांसगंगा सिटी जैसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र में औद्योगिक इकाइयां कब लगेंगी ?

- चार बड़ी कंपनियों को भूखंड आवंटित कर दिया है। एक दर्जन से अधिक उद्यमियों ने भूखंड आवंटन के लिए संपर्क किया है। जल्द ही वहां औद्योगिक इकाइयों का निर्माण शुरू हो जाएगा। यह सिटी कानपुर और उन्नाव के लिए मील का पत्थर साबित होगी। बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है इसे दूर करने के लिए औद्योगिक इकाइयों की स्थापना जरूरी है पर उद्योग क्यों नहीं लग रहे हैं ?

नियमों का सरलीकरण और औद्योगिक क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं का ही असर है कि कोरोना काल में 10 हजार करोड़ से अधिक के निवेश का मार्ग प्रशस्त हुआ है। मेसर्स फारएवर डिस्टलरी प्रा. लि. ने जहां देवरिया में 106020 वर्ग मीटर भूमि ली है तो मेसर्स एबी मोरी ने बरगढ़ में चार सौ करोड़, एचपीसीएल ने बदायूं में चार सौ करोड़ के निवेश के लिए भूखंड आवंटन कराए हैं। कई विदेशी कंपनियों को भूखंड दिए गए हैं। हमीरपुर में ङ्क्षहदुस्तान यूनीलीवर समेत दो बड़े समूह निवेश करने जा रहे हैं। छोटे- छोटे जिलों में बड़ी औद्योगिक इकाइयां लगने जा रही हैं। इससे बेरोजगारी दूर होगी।

औद्योगिक क्षेत्रों में सड़क, नाला आदि बनने के बाद टूट जाते हैं। निर्माण में भ्रष्टाचार कैसे रुकेगा ?

 राइट््स लिमिटेड जैसी बड़ी संस्था को हमने गुणवत्ता जांच के लिए अधिकृत किया है। आइआइटी कानपुर हमारे बड़े कार्यों के डीपीआर का परीक्षण कर रहा है। गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा।

आवंटियों को घर बैठे सुविधाओं का लाभ मिले इसके लिए क्या उपाय अपना रहे हैं ?  भूखंड आवंटन, हस्तांतरण से लेकर 31 सुविधाओं को हमने आनलाइन कर दिया है। 10 हजार से अधिक आवेदनों का निस्तारण आनलाइन किया गया है। अब तो कोई भी व्यक्ति घर बैठे ही भूखंड का प्रकार देख सकता है और उसे आवंटित कराने को आवेदन कर सकता है। आखिर इत्र पार्क, मेगा लेदर क्लस्टर और वस्त्र पार्क की स्थापना में कहां बाधा है ? कन्नौज के इत्र पार्क की स्थापना के लिए जल्द ही टेंडर होंगे। फर्रुखाबाद में वस्त्र पार्क के लिए एसपीवी को जमीन दे दी गई है। उनकी मदद की जाएगी। कानपुर में मेगा लेदर क्लस्टर की तो भूखंड का आवंटन कर दिया गया है। सुरक्षित श्रेणी की भूमि का एक्सचेंज होना है, जो जल्द हो जाएगा। इन औद्योगिक क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। जल्द ही इनमें काम होता नजर आएगा। प्लास्टिक सिटी औरैया में 77 भूखंड हाल ही में आवंटित हुए हैं। औद्योगिक क्षेत्रों में टूटी सड़क, नाला जैसी समस्याएं कब तक उद्यमी झेलेंगे?  250 करोड़ रुपये सड़कों के निर्माण व अन्य कार्यों के लिए आवंटित किए हैं। निर्माण कार्य शुरू भी हो गए हैं। कानपुर देहात के जैनपुर ग्रोथ सेंटर में तो बंद पड़ा सीईटीपी भी जल्द ही संचालित होगा। जहां जैसी जरूरत है वहां उसका विकास किया जाएगा। हर आदमी भूखंड लेकर उद्योग नहीं लगा सकता। ऐसे लोगों के लिए कोई योजना ? औद्योगिक क्षेत्रों में हम फ्लैटेड फैक्ट्री बनाने जा रहे हैं। गौतमबुद्ध नगर सूरजपुर में फ्लैटेड फैक्ट्री बन गई है। जल्द ही लीज पर आवंटन शुरू होगा। ट्रांसगंगा सिटी, प्रयागराज की सरस्वती सिटी समेत कई और औद्योगिक क्षेत्रों में हम फ्लैटेड फैक्ट्री बनाने पर विचार कर रहे हैं। 
chat bot
आपका साथी