ललितपुर में बल्क ड्रग पार्क के लिए यूपीसीडा करेगा करार इससे बुंदेलखंड में बढेंग़े रोजगार के अवसर
राज्य सरकार बुंदेलखंड में रोजगार के अवसर बढ़ाना चाहती है। साथ ही बुंदेलखंड को आॢथक रूप से सम्रद्ध करने के प्रयास में जुतु हुई है। औद्योगिक विकास के माध्यम से यहां के लोगो को रोजगार देने की योजना के तहत ही
कानपुर, जेएनएन। ललितपुर (झांसी) में प्रस्तावित बल्क ड्रग पार्क में 10 से 50 एकड़ क्षेत्रफल तक के भूखंड होंगे। पार्क की स्थापना से बुंदेलखंड में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और शहरों की ओर युवाओं का पलायन रुकेगा। यहां विकास कार्यों पर 1604 करोड़ रुपये अनुमानित खर्च आएगा। इसमें से एक हजार करोड़ रुपये केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से मिलने की उम्मीद है। स्वास्थ्य मंत्रालय से जल्द इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिलने का इंतजार है, बाकी सारी कवायद उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) प्रबंधन कर रहा है। आइटी सेक्टर, रिसर्च और लॉजिस्टिक सुविधाओं में मदद के लिए संबंधित सरकारी विभागों और निगमों से अनुबंध की प्रक्रिया भी जल्द ही पूरी हो जाएगी। इन संस्थाओं के प्रमुखों ने एमओयू के लिए सैद्धांतिक सहमति दे दी है।
1604 करोड़ रुपये से होंगे विकास कार्य
राज्य सरकार बुंदेलखंड में रोजगार के अवसर बढ़ाना चाहती है। साथ ही बुंदेलखंड को आर्थिक रूप से समृद्ध करने के प्रयास में जुटी है। औद्योगिक विकास के जरिए यहां के लोगों को रोजगार देने की योजना के तहत ही यहां औद्योगिक क्षेत्रों के विकास के लिए भूमि ली जा रही हैं। कोरोना काल में दवा और उपकरणों की मारामारी के बाद केंद्र सरकार ने बल्क ड्रग और उपकरण उत्पादन के लिए पार्क स्थापित करने की पहल की। इसी कड़ी में यूपीसीडा ने पार्क की स्थापना के लिए ललितपुर में 16 सौ एकड़ भूमि पशुपालन विभाग से ली। 400 एकड़ भूमि वहां और ली जानी है। इस पार्क में उद्यमियों को 10, 15, 20, 30 और 50 एकड़ के भूखंड आवंटित किए जाएंगे। 1604 करोड़ रुपये विकास कार्यों पर खर्च होंगे। इसमें एक हजार करोड़ रुपये केंद्र सरकार से वित्तीय मदद के रूप में मिलेगी।
सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया से होगा अनुबंध
यहां पर मूलभूत सुविधाओं के रूप में सॉल्वेंट रिकवरी प्लांट, कूङ्क्षलग सिस्टम, वितरण नेटवर्क, विद्युत उपकेंद्र, सेंट्रल इफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। दवाओं के रिसर्च के लिए रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर भी बनेगा। इसके लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) से अनुबंध किया जाएगा। गैस आधारित उद्योग लगें इसके लिए गैस की पाइप लाइन बिछाने के लिए एक कंपनी से बात चल रही है। आइटी के क्षेत्र में सहयोग के लिए सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया से अनुबंध होगा। लॉजिस्टिक सुविधाओं के लिए कंटेनर डिपो कारपोरेशन ऑफ इंडिया ने भी हामी भरी है ।