Shadi Anudan Scam Kanpur: अपात्र लाभार्थियों से की जाएगी अनुदान की रिकवरी
शादी अनुदान और पारिवारिक लाभ योजना में 5.80 करोड़ रुपये के घोटाले में डीएम ने सीडीओ को वसूली के आदेश दिए हैं। रिकवरी के लिए जो लाभार्थी पते पर नहीं मिले उनके बैंक खातों पर रोक लगवाई जा सकती है।
कानपुर, जेएनएन। शादी अनुदान और पारिवारिक लाभ योजना में हुए 5.80 करोड़ रुपये के घोटाले की वसूली होगी। डीएम आलोक तिवारी ने मुख्य विकास अधिकारी को धनराशि की वसूली के आदेश दिए हैं। अब मुख्य विकास अधिकारी लाभार्थियों के खिलाफ आरसी जारी कराएंगे। जिन लाभार्थियों का पता तस्दीक नहीं हुआ है उनसे वसूली के लिए बैंक खातों पर रोक लगाई जा सकती है। उन बैंक खातों में रोक लगवाई जाएगी जिनमें शादी अनुदान या फिर पारिवारिक लाभ योजना की राशि भेजी गई है।
पारिवारिक लाभ योजना में 3.93 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। यह योजना समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित होती है। इसी तरह शादी अनुदान योजना में 1.87 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। यह योजना समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की ओर से संचालित की जाती है। शादी अनुदान में 702 लोग पते पर नहीं मिले हैं तो 211 अपात्र हैं। इसी तरह पारिवारिक लाभ योजना में 1106 लोगों के पते की तस्दीक नहीं हुई है, जबकि 200 अपात्र हैं। शादी अनुदान योजना में तो 362 और अपात्र आर्थिक मदद पा जाते, लेकिन समय रहते ही घोटाला पकड़ में आ गया और समाज कल्याण अधिकारी ने उनके फार्म सदर तहसील को वापस कर दिए थे।
जांच हुई तो पता चला कि सभी 362 अपात्र हैं, लेकिन इन सभी को एसडीएम ने पात्र मानकर समाज कल्याण अधिकारी की लॉगिन में अपने डिजिटल सिग्नेचर से आवेदन फार्म भेज दिया था। अब इस घोटाले में समाज कल्याण अधिकारी निलंबित हो चुके हैं, जबकि डीएम ने सत्यापन अधिकारियों और किस विभाग से कितना अनुदान बांटा गया इसकी सूची मांगी है। उन्होंने जिन अपात्रों को धनराशि दी गई है उनसे वसूली के लिए भी कहा है। अब संबंधित विभागों को फार्म वापस किए जाएंगे और फिर वे उसी आधार पर लाभार्थियों को आरसी जारी कराकर उनसे वसूली कराएंगे। साथ ही जो पते पर नहीं मिले हैं उनके बैंक खाते सीज कराएंगे ताकि बाद में खातों को कुर्क कराकर धनराशि वापस ली जा सके।
सत्यापन अधिकारियों का छांटा जा रहा है नाम : एडीएम आपूर्ति डा. बसंत अग्रवाल की अध्यक्षता वाली कमेटी अब सत्यापन अधिकारियों के नाम छांट रही है ताकि उन पर कार्रवाई कराई जा सके। विकास भवन स्थित डीआरडीए में पूरे दिन फार्म छांटे गए। किस लेखपाल ने कितने अपात्रों को पात्र बताया और गलत पते को सही दर्शाया इसकी सूची अलग- अलग बनाई जा रही है। किस एसडीएम, कानूनगो, तहसीलदार और नायब तहसीलदार के उस पर हस्ताक्षर हैं ये भी देखे जा रहे हैं।