उन्नाव: माघ मेले से पहले हरकत में उप्र प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड, गंगा में जहर उड़ेल रहीं 52 टेनरियों को नोटिस
यूपीपीसीबी ने बीते दिनों बंथर व दही औद्योगिक क्षेत्र के कामन इफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट में इनलेट-आउटलेट लोनी व सिटी जेल ड्रेन के पानी के नमूने लिए थे। जांच रिपोर्ट में पानी में क्रोमियत की मात्रा मानक दो मिली लीटर प्रति लीटर के स्थान पर 30 मिली लीटर प्रति लीटर मिली।
उन्नाव, जागरण संवाददाता। माघ मेले से पहले जागे उत्तर प्रदेश प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने गंगाजल की सेहत की फिक्र की तो टेनरियों की चली आ रही मनमानी सामने आ गई। टेनरियों से जुड़े जिन ड्रेनों का पानी गंगा नदी में जा रहा है, उसमें खतरनाक क्रोमियम की मात्रा मानक से 15 गुना अधिक मिली है। गंगा में जहर उड़ेलने पर यूपीपीसीबी ने सख्त रुख अपनाते हुए जिले की 52 टेनरियों को नोटिस जारी किया है।
यूपीपीसीबी के अधिकारियों ने बीते दिनों बंथर व दही औद्योगिक क्षेत्र के कामन इफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) में इनलेट-आउटलेट, लोनी व सिटी जेल ड्रेन के पानी के नमूने लिए थे। जांच रिपोर्ट में पानी में क्रोमियत की मात्रा मानक दो मिली लीटर प्रति लीटर के स्थान पर 30 मिली लीटर प्रति लीटर मिली। यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी राधेश्याम ने सीईटीपी उन्नाव से जुड़ी 14, बंथर से जुड़ी 27 और खुद के संयंत्र लगाकर रखने वालीं 11 टेनरियों को नोटिस भेजा है। इसमें 13 बिंदुओं पर 15 दिनों में जवाब मांगा है। ऐसा न करने पर विभाग से जारी सहमति आदेश रद करने के साथ ही पर्यावरण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
मांगा सीआरपी का छह माह का डाटा, छूट रहा पसीना: अधिकारियों ने सभी टेनरियों से उनके यहां लगे क्रोम रिकवरी प्लांट (सीआरपी) का बीते छह माह का डाटा मांगा है। इतने ही दिनों का जनित अपशिष्ट की मात्रा व निस्तारण कराने संबंधी अभिलेख भी देने को कहा है। इसे देने में उद्योग संचालकों को पसीना छूट रहा है। कारण है कि इसमें जो आंकड़े निकलकर सामने आएंगे, उससे साफ हो जाएगा कि उद्योग किस कदर जल प्रदूषण के गुनहगार हैं। जल अधिनियम के अंतर्गत भूगर्भ से जल निकासी का सहमति पत्र भी मांगा गया है। पूछा है कि कितने नलकूप हैं और कितना पानी निकालकर उपभोग किया जा रहा है।
ईटीपी की लागिन आइडी व पासवर्ड भी देंगे उद्योग: जिन उद्योगों में खुद का इफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (ईटीपी) है, उनके आउटलेट के आनलाइन कांटीन्यूअस इफ्लुएंट मानीटङ्क्षरग सिस्टम का विवरण, उसकी लागिन आइडी व पासवर्ड भी देना होगा।
चमड़ा सड़ाने में काम आता है क्रोमियम: प्रदूषण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी राधेश्याम ने बताया कि क्रोमियम चमड़ा सड़ाने में काम आता है। अधिक लाभ के चक्कर में उद्यमी इसकी अधिक मात्रा डालकर जल्द चमड़ा सड़ा लेते हैं। क्रोमियम पानी के जरिए शरीर में जाने पर कैंसर की बीमारी को जन्म देता है।