कानपुर में बनेगा यूपी का दूसरा एपेक्स ट्रामा सेंटर, मुख्यमंत्री की प्राथमिकता में है कार्ययोजना
जीएसवीएम मेडिकल कालेज के एलएलआर अस्पताल के जीटी रोड की तरफ एपेक्स ट्रामा सेंटर बनाने की योजना है। 274 करोड़ रुपये की डीपीआर तैयार किया गया है जिसे मंजूरी के लिए शासन के माध्यम से केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
कानपुर, जेएनएन। जीएसवीएम मेडिकल कालेज में प्रदेश का दूसरा एपेक्स ट्रामा सेंटर बनेगा। एलएलआर अस्पताल (हैलट) के जीटी रोड साइड में 200 बेड का पांच मंजिला अत्याधुनिक ट्रामा सेंटर बनेगा। एपेक्स ट्रामा सेंटर के लिए 274 करोड़ रुपये की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार हो गई है।
देश में राष्ट्रीय राजमार्गों का लगातार विस्तार हो रहा है। वाहनों की गति बढ़ाने के लिए चार लेन, छह लेन और आठ लेन की सड़कें बनाई जा रही हैं। जिस तरह से वाहनों की गति बढ़ रही है, उतनी ही तेजी से सड़क हादसे भी बढ़ रहे हैं। आसपास के 16-17 जिलों में ट्रामा एवं इमरजेंसी के इलाज का बेहतर बंदोबस्त नहीं है। ऐसे में हादसे में घायल एलएलआर अस्पताल के इमरजेंसी ही आते हैं।
अभी लेवल-टू ट्रामा सेंटर : एलएलआर अस्पताल में अभी लेवल-टू का ट्रामा सेंटर है, जहां महज 20 बेड और एक आपरेशन थियेटर है। कानपुर समेत 17 जिलों के मरीज यहां इलाज के लिए आते हैं। आपात स्थिति में विशेषज्ञों की उपलब्धता की वजह से इलाज प्रबंधन करना पड़ता है। मरीजों की संख्या के हिसाब से बहुत छोटा है।
पूर्व प्राचार्य ने भेजा था प्रस्ताव : मेडिकल कालेज की तत्कालीन प्राचार्य प्रो. आरती लालचंदानी ने वर्ष 2019 में एपेक्स ट्रामा सेंटर की स्थापना के लिए तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन से अनुरोध किया था। उनकी सहमति पर शासन के माध्यम से केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था। इसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से बजट मिलना है।
यह विभाग बनेंगे : न्यूरो सर्जरी, न्यूरोलाजी, कार्डियक सर्जरी, आर्थोपेडिक, जनरल सर्जरी, इमरजेंसी मेडिसिन, पीडियाट्रिक सर्जरी ।
ऐसा होगा एपेक्स ट्रामा सेंटर
9500 वर्ग मीटर भूमि चिह्नित
200 बेड की होगी क्षमता
06 मंजिला होगा भवन
274 करोड़ रुपये आएगी लागत
-मुख्यमंत्री की प्राथमिकता में यहां का एपेक्स ट्रामा सेंटर है। इसकी डीपीआर तैयार हो गई है। ट्रामा सेंटर के विभागों से संबंधित जिम्मेदारों की बैठक बुलाई है। इसमें ट्रामा सेंटर के पहलुओं पर चर्चा की जाएगी। अत्याधुनिक उपकरणों की सूची बनाई जाएगी। प्रस्ताव शासन के माध्यम से केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। -प्रो. संजय काला, प्राचार्य जीएसवीएम