यूपी के अस्पतालों में बर्बाद हुई 25 फीसद ऑक्सीजन, सीएम देखेंगे आइआइटी कानपुर के एप की रिपोर्ट

आइअाइटी कानपुर द्वारा बनाए गए ऑक्सीजन ऑडिट सिस्टम एप की रिपोर्ट की समीक्षा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे । यूपी के अस्पतालों में ऑक्सीजन की बर्बादी को लेकर स्वास्थ्य अफसरों को जरूरी दिशा निर्देश भी जारी कर सकते हैं।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 12:52 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 12:52 PM (IST)
यूपी के अस्पतालों में बर्बाद हुई 25 फीसद ऑक्सीजन, सीएम देखेंगे आइआइटी कानपुर के एप की रिपोर्ट
आइआइटी की रिपोर्ट समीक्षा करेंगे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ।

कानपुर, जेएनएन। कोरोना संक्रमण काल में जब पूरा प्रदेश ऑक्सीजन संकट से जूझ रहा था, उस दौर में अस्पतालों में 25 फीसद तक ऑक्सीजन बर्बाद कर दी गई। यह दावा आइआइटी कानपुर में बनाए ऑक्सीजन ऑडिट सिस्टम एप के माध्यम से पद्मश्री प्रो.मणींद्र अग्रवाल ने किया है। मंगलवार को इस रिपोर्ट की समीक्षा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करने जा रहे हैं। इसके बाद वह अस्पतालों व चिकित्सकों को आॉक्सीजन से संबंधित दिशा-निर्देश भी दे सकते हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार की पहल पर आइआइटी कानपुर द्वारा ऑक्सजन ऑडिट सिस्टम एप तैयार किया गया था। इस एप के माध्यम से प्रदेश के अस्पतालों में ऑक्सीजन की स्थिति का आंकलन किया जा रहा है। आइआइटी में इस एप के प्रोजेक्ट को लीड कर रहे पद्मश्री प्रो.मणींद्र अग्रवाल का कहना है कि प्रदेश भर के अस्पतालों में करीब 25 फीसद ऑक्सीजन की बर्बादी हुई है। हालांकि वह इसके पीछे मुख्य कारण व तकनीकी दिक्कतें व आधी-अधूरी तैयारियों को मान रहे हैं।

दरअसल, 25 दिनों पहले प्रदेश के सभी विवि को 54 सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन ऑडिट कराने का जिम्मा सौंप दिया गया था। इनमें कानपुर के हैलट अस्पताल, रामा और उर्सला समेत अन्य अस्पताल समेत प्रदेश के हास्पिटल भी शामिल थे। विशेषज्ञों ने ऑडिट के आधार पर तैयार रिपोर्ट में सामने आया कि कुल आपूर्ति की लगभग 25 फीसद ऑक्सीजन बर्बाद हो गई। मंगलवार को एप की रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समीक्षा करने जा रहे हैं, ऐसी स्थितियों में ऑक्सीजन की बर्बादी को लेकर वह जरूरी दिशा निर्देश भी जारी कर सकते हैं।

बर्बादी रोकने में तकनीक कारगर

पद्मश्री प्रो.मणींद्र अग्रवाल ने बताया कि ऑक्सीजन की बर्बादी को रोकोने के लिए रिपोर्ट में सुझाव दिए गए है कि सेंसर व आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का प्रयोग किया जाए, जिससे पूरी ऑक्सीजन का प्रयोग सभी कर सकें। बानगी के तौर पर बताया कि अगर मरीज का मास्क या ऑक्सीजन सिलिंडर हटाया जाए तो फौरन ही ऑक्सीजन की आपूर्ति भी रुक जानी चाहिए।

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